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2 Comments

  1. सी डी तिवारी

    बेहद सराहनीय कार्य । बच्चों को रचनात्मक शिक्षा देना बहुत आवश्यक है, हमारे समय में (१९७०) पुस्तक कला, काष्ठ कला व संगीत कला ६ से ८ तक ऐच्छिक विषय में शामिल हुआ करते थे । ज़रूरत है इन्हें कक्षा १ से शुरू किया जाए ।

  2. Jyotsna

    भास्कर जोशी जी ने गाँव, विद्यालय और शिक्षा के प्रति गाँव के लोगों की सोच को सकारात्मक रूप से बदल दिया। हमारे देश को विशेष रूप से उत्तराखंड को भास्कर जोशी समान अध्यापकों की अतिशय आवश्यकता है। kafal tree के सभी photo मैं देखती हूँ और गर्व होता है।
    भास्कर जोशी जी को शत शत नमन ऐवं शुभकामनाएं।

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