कॉलम

दिल टूटे हुए आशिकों का नया एन्थम सांग

साल 2008 था और गाना तूने मेरे जाना कभी नहीं जाना इश्क मेरा दर्द मेरा. यह गाना 2008 से 2009 तक आते आते भारतीय आशिकी का एन्थम सांग बन गया. हाईस्कूल से लेकर कालेज तक पढ़ने वाले हर गंभीर आशिक की जुबान पर बस यही गाना था. इस गाने के लिखे जाने के पीछे कई सारी कहानियाँ लिखी गयी लेकिन आई.आई.टी के लड़के वाली स्टोरी ने सबको पीछे छोड़ दिया.

कहानी कुछ यूं बनी की एक आई.आई.टी का लड़का रोहन राठौर है. रोहन की  गर्लफ्रेंड को कैंसर था. रोहन ने यह गाना अपनी मर चुकी गर्लफ्रेंड के लिए इसे गाया है. इस कहानी देश के सभी बॉयज और गर्ल्स हास्टल में अलग-अलग प्रकार के रुदन कार्यक्रमों के साथ हर शाम पिलाया जाने लगा और फिर यमक अलंकार के उदाहरण वाला यह गाना एम्प्टीनेस के नाम से भारत में वायरल होने वाला पहला गाना बन गया. इस दौर में इश्क की पहली शर्त एम्प्टीनेस गीत को सुना जाना था.

एम्प्टीनेस ने आजादी के बाद से चली आ रही इस मान्यता को कि  “ आप तभी एक सच्चे टूटे हुए दिल वाले आशिक हैं यदि आप नाई की दुकान में दाड़ी-बाल बनाने  से ज्यादा उसके यहाँ बजने वाले गानों में मशगूल होने के लिए चक्कर काटने लगे हैं.” को कड़ी चुनौती दी लेकिन एम्प्टीनेस नाई की दुकान से मिलने वाली देश की आधिकारिक सर्वश्रेष्ठ मान्यता प्राप्त अवधारणा को बदलने में कामयाब नहीं रहा.

कभी लड़की से नजर ना मिला पा सकने वाले भुच से भुच्च सिंगल लड़कों ने इस गाने के सहारे खुद को एकतरफा आशिक घोषित कर दिया. एकतरफा आशिकी के अनिवार्य पेय शराब की हर महफ़िल के साथ अब यह गाना अनिवार्य रूप से बजाया जाने लगा. शुरुआती सात आठ अंग्रेजी लाईनों में सर हिलाने के सामुहिक कार्यक्रम के बाद अचानक से अपनी क्षमता के अनुसार महफ़िल का हर शख्स अपने अंदर के किशोर कुमार, मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेश्कर को ले आता और पूरे दर्द में तूने मेरे जाना कभी नहीं जाना का आलाप छेड़ देता.

अंग्रेजी और हिंदी में गाये इस गाने की हकीकत यह है कि गजेन्द्र वर्मा नाम के एक लड़के ने इस गाने को गाया था जिसकी कोई कैंसर वाली गर्लफ्रेंड नहीं थी ना उसका आई.आई.टी से कोई वास्ता था. गजेन्द्र ने इस गाने का आफिसियल वीडियो भी 2014 में जारी किया.

इन दिनों गजेन्द्र वर्मा के एक और गाने ‘ इसमें तेरा घाटा मेरा कुछ नहीं जाता ज्यादा प्यार हो जाता तो मैं सह नहीं पाता ’ ने भारतीय  दिल टूटे आशिकी ब्रह्मांड में हाहाकार मचायी है. इस हाहाकार को म्यूजिकली नाम की एक एप्प ने दिया है. खुद को आशिकी में बुरी तरह डूबकर भी दुनिया के इस जटिल अंध महासागर में चमकने वाला मानने वाले भयानक आशिकों को गजेन्द्र वर्मा ने फिर एक सहारा दिया है. नाई की दुकान मान्यता प्राप्त दिल टूटे आशिकों के अदृश्य अतंराष्ट्रीय धोखा खाये आशिक एकता मंच ने गजेन्द्र वर्मा को इस गीत के लिये म्यूजीकली के माध्यम से सोशियल साइट्स पर कई दृश्य धन्यवाद दिये हैं.

 

 

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Girish Lohani

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