सेब ने अब हल्द्वानी जैसे भाबरी क्षेत्र में भी अपनी दस्तक दे दी है. हल्द्वानी में अधिकतम तापमान गर्मियों में लगभग 40 डिग्री तक पहुँच जाता है. इतने गर्म तापमान वाली जगह पर सेब के पेड़ पर फल लगना उद्यान विशेषज्ञों के लिए शोध का विषय हो सकता है.
सेब का यह पेड़ लगा है गोरापड़ाव से लगभग 3 किलोमीटर दूर पश्चिम-दक्षिण दिशा में स्थित सुनालपुर गॉव में वनकर्मी किशोर सिंह धपोला के घर. किशोर धपोला ने सेब का यह पेड़ पांच साल पहले लगाया था. जिसमें इस साल पहली बार फल लगा है और लगभग दो दर्जन से अधिक सेब पेड़ में लगे हैं.
यह सेब ” गोल्डन डिलीशियस ” प्रजाति का है. जिसे सेब में एक अच्छी प्रजाति माना जाता है. भाबर के गर्म वातावरण में हॉलाकि सेब का आकार व उसकी रंगत बहुत बढ़िया नहीं है.
इसके बाद भी जो सेब मैंने खाया वह पूरी तरह तैयार नहीं हुआ था, लेकिन उसका स्वाद खट्टा-मीठा व बहुत रसीला था. सेब जब पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तो इसके रंग और स्वाद में भी अन्तर आएगा.
अभी कुछ सेब बड़े व कुछ काफी छोटे हैं, लेकिन हल्द्वानी की मिट्टी में पैदा हुए सेब को खाने का मजा तो आया. उद्यान विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए और सेब उत्पादन की सम्भावनाओं को देखा जाना चाहिए.
जगमोहन रौतेला
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online
जगमोहन रौतेला वरिष्ठ पत्रकार हैं और हल्द्वानी में रहते हैं.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें