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2 Comments

  1. Sunita Bhatnagar

    Absolutely correct message

  2. अमित

    बात तो सही है पर अपनी सरकार के रहते ये सब क्यों नहीं करा गया ? वैसे आजकल कितने उत्तराखण्डी अपना खाना चाहते हैं और जो खाना चाहते हैं उनके लिए अनाज उगाने लायक़ जमीन ख़त्म हो रही है। सीधी सी बात है कि बिकता वो है जो ज़्यादा मात्रा में और कम क़ीमत में दुकानदार के लिए उपलब्ध है। क्या हम अपने घर से शुरुआत करेंगे कि हफ्ते में कम से कम ३ दिन बिलकुल पहाड़ी खाना खाएँगे

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