कुमाऊं और बाल मिठाई तो अब जैसे एक-दूसरे के पर्याय ही बन चुके हैं. आप कुमाऊं कहिये बाल मिठाई का जिक्र अपने आप ही आ जाता है या बाल मिठाई कहिये तो कुमाऊं अपने आप उससे जुड़ जाता है. कुमाऊं के अल्मोड़ा की बाल मिठाई के स्वाद का कोई सानी नहीं पर एक दबी बात यह भी है कि अल्मोड़े में सबसे स्वाद बाल मिठाई किसकी है इस सवाल पर एक छोटा-मोटा अल्मोड़ा युद्ध कभी भी देखने को मिल सकता है.
(Famous Bal Mithai Shop Almora)
क्या आप जानते हैं बाल मिठाई को बाल मिठाई क्यों कहते हैं? पहले इस वीडियो में देखिये बाल मिठाई के नाम को लेकर कुछ तथ्य-
कुमाऊं के आंतरिक हिस्सों में प्रवेश के लिये पहले अल्मोड़ा मार्ग का ही प्रयोग हुआ करता था. अल्मोड़ा के बाद लोग एक, दो या तीन दिन पैदल चलकर ही अपने घर पहुंच पाते थे. पहले पहाड़ी गांव से बाहर केवल कमाने को ही निकला करते सो जब अल्मोड़ा में मोटर से उतरते तो अपने-अपने घरों के लिये कुछ न कुछ खरीद ले जाते. घर लौटते हुए आने दो आने मीठे पर खर्च करना संभवतः अल्मोड़ा बाज़ार से ही शुरु हुआ हो.
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ऐसा माना जाता है कि बाल मिठाई से पहले संपन्न लोग गांव जाते हुये बाज़ार से मिसरी ले जाया करते. एक अनुमान के तहत इससे पहले मिठाई केवल स्थानीय मेलों में मिला करती थी. बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि थल, बागेश्वर, जौलजीबी आदि के मेलों में मिठाई बेचने मथुरा तक से हलवाई आया करते.
बाल मिठाई लम्बे समय तक खराब नहीं होती. यह माना जाता है कि शुद्ध पहाड़ी खोये की बाल मिठाई महीने भर तक खराब नहीं होती. शायद यह एक महत्वपूर्ण कारण रहा जिसकी वजह से बाल मिठाई ने हर पहाड़ी के झोले में अपनी जगह बनाई. कभी पहाड़ी के झोले में बसने वाली बाल मिठाई अब हर पहाड़ी के दिल में बसती है.
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