दीप रजवार

वाइल्डलाइफ आर्ट गैलरी में दिखेगा समूचा कॉर्बेट पार्क

दीप रजवार देश के चर्चित वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स में से हैं. 10 सालों से जिम कॉर्बेट पार्क की जैव विविधता को कैमरे में कैद करते आ रहे दीप ने रामनगर में एक वाइल्डलाइफ आर्ट गैलरी की शुरुआत की है. (Wildlife Art Gallery)

दीप रजवार बताते हैं— “मैं हमेशा से रामनगर में एक कमी महसूस करता था. मुझे लगता था यहां एक ऐसा स्थान हो जहां कॉर्बेट व इसके आस-पास सटे जंगलों के वन्य जीवों की तस्वीरें का एक संकलन हो. जहां आकर छात्र-छात्राएं, सैलानी और प्रकृति प्रेमी इन तस्वीरों के जरिये कॉर्बेट पार्क की जैव विविधता को बेहतर तरीके से समझ सकें.”

गौरतलब है कि रामनगर में साल भर सैलानियों का तांता लगा रहता है पर सफारी की लिमिटेशन होने के कारण अधिकतर सैलानी जंगल भ्रमण का आनंद नहीं ले पाते हैं. जो सैलानी सफारी पर जाते भी हैं उन्हें सभी वन्य जीवों का दीदार नहीं होता. अब ये सभी दीप रजवार की आर्ट गैलरी के जरिये इस कमी को पूरा कर सकेंगे. दीप रजवार ने साल भर की तैयारियों के बाद इस आर्ट गैलरी की शुरुआत की है.

इसके अलावा वाइल्डलाइफ आर्ट गैलरी का मुख्य उद्देश्य इको टूरिज्म को बढ़ावा देना भी है. इसके माध्यम से स्थानीय गांवों के युवाओं को नेचर गाइड के रूप में विकसित किये जाने की योजना है. साथ ही बर्डिंग ट्रैक बनाकर युवाओं को रोजगार से जोड़ते हुए वन्य जीव सरंक्षण में उनके योगदान को सुनिश्चित करना भी गैलरी का मकसद है. आर्ट गैलरी एक प्रदर्शनी के रूप में साल भर लोकल और सैलानियों के लिए खुली रहेगी. उत्तराखण्ड के बेहतरीन वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर हैं दीप रजवार

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

बाघिन को मारने वाले खकरमुन नाम के बकरे की कुमाऊनी लोककथा

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

View Comments

  • Wow what a idea to keep people close to the environment,excellent job deep keep it up I'm with you

Recent Posts

ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया

छोटी मुखानी में हुई ऐपण प्रतियोगिता पर्वतीय लोक संस्कृति ऐपण कला को संरक्षित व उसको…

2 days ago

हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच

मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज…

1 month ago

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

1 month ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

1 month ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

1 month ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

1 month ago