हाल ही में केंद्र सरकार ने देश भर में मौजूद शत्रु संपत्ति को कब्जों से मुक्त कराने की मुहिम शुरू कर दी है. केंद्र सरकार द्वारा जारी एक सूची के अनुसार देशभर में कुल 1941 शत्रु संपत्ति चिन्हित की गयी हैं. इस सूची के अनुसार उत्तराखंड में कुल 69 शत्रु संपत्ति हैं.
(Enemy Property in Uttarakhand)
केंद्र सरकार द्वारा देशभर में शत्रु संपत्तियों का अनुमानित मूल्य 1,00,000 करोड़ रुपए से अधिक बताया गया है. केंद्र के पत्राचार के आधार पर उत्तराखंड में दून, हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर और अल्मोड़ा में शत्रु सम्पत्ति की पहचान हो चुकी है.
स्थानीय अखबार दैनिक हिन्दुस्तान की ख़बर के अनुसार देहरादून में माजरा के साथ ही चकराता और मसूरी में शत्रु संपत्ति की पहचान की जा चुकी है. हरिद्वार जिले में ज्वालापुर, भगवानपुर में शत्रु संपत्ति हैं. नैनीताल शहर, ऊधमसिंहनगर और अल्मोड़ा में भी कामर्शियल प्रॉपर्टी की पहचान शत्रु संपत्ति की श्रेणी में हुई है.
(Enemy Property in Uttarakhand)
ऑफिस ऑफ द कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी द्वारा 2016 में जारी किये गए आँकड़ों के अनुसार भारत में शत्रु संपत्ति के दायरे में आने वाली लगभग 16,000 संपत्तियाँ हैं. इनमें से 9411 को अब तक शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है. इनकी अनुमानित कीमत लगभग एक लाख करोड़ रुपए बताई जा रही है.
क्या है शत्रु संपत्ति?
भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था. इसके तहत शत्रु संपत्ति को कस्टोडियन में रखने की सुविधा प्रदान की गई थी. केंद्र सरकार ने इसके लिये कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी विभाग का गठन किया. कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी विभाग को शत्रु संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार दिया गया. इसके तहत ज़मीन, मकान, सोना, गहने, कंपनियों के शेयर और शत्रु देश के नागरिकों की किसी भी दूसरी संपत्ति को अधिकार में लिया जा सकता है.
(Enemy Property in Uttarakhand)
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