इन दिनों हल्द्वानी समेत पूरे उत्तराखंड में डेंगू बड़ी तेजी से फ़ैल रहा है. केवल नैनीताल जिले में डेंगू के 788 मामले सामने आये हैं. हालांकि उत्तराखंड सरकार इन आकड़ों को मानने से मना कर रही है.
अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार
बेस अस्पताल में एलाइजा जांच के बाद 51 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई. बुखार और डेंगू के कुल 116 मरीज भर्ती है. एसटीएच में एलाइजा जांच के बाद आठ मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई. बुखार और डेंगू के 145 मरीज एसटीएच में भर्ती हैं.
इससे हटकर स्वास्थ्य विभाग डेंगू के केवल 61 रोगी ही मिले हैं. राज्य की राजधानी में डेंगू के आठ सौ से अधिक मामले सामने आये हैं. लगातार फ़ैल रहे डेंगू के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है.
इसके अतिरिक्त हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, टिहरी, अल्मोड़ा व पौड़ी में भी डेंगू के मामले सामने आये हैं. इन सभी जिलों में डेंगू के टेस्ट के नाम पर निजी अस्पताल महंगी वसूली कर रहे हैं जिसपर सरकार किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं रख पा रही है.
उत्तराखंड सरकार ने अब तक डेंगू से बचाव के लिये अब तक कोई अभियान नहीं चलाया है. सरकार की ओर से अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान तक जारी किया गया है.
इस बीच हल्द्वानी शहर में बकरी के दूध की कीमत 800 रुपये से 1000 रुपये प्रति लीटर चल रही है. गिलास में आधे से भी कम बकरी का दूध पचास रूपये प्रति गिलास की कीमत पर बाजार में उपलब्ध है.
डेंगू के इलाज में बकरी के दूध के इस्तेमाल के कारण यह कीमत आने वाले दिनों में और अधिक बढ़ने की संभावना है. बाजार में सामान्य दिनों में बकरी का दूध 40 से 50 रुपये प्रति लीटर बिकता है.
डेंगू के कारण शरीर में प्लेटेट्स की कमी हो जाती है लोगों का यह मानना है कि बकरी का दूध प्लेटेट्स की संख्या बढ़ाता है हालांकि अब तक इस बात की कोई वैज्ञानिक पुष्टि देखने को नहीं मिली है.
-काफल ट्री डेस्क
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