उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के दिल्ली जाने से एकबार फिर राजनैतिक गलियारों में हलचल है. हालांकि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जाने से पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह उपचुनाव हर हाल में लड़ेंगे और जरूर लड़ेंगे. प्रदेश के कई विधायक उपचुनाव के लिए सीट खाली करने को तैयार हैं. यह संवैधानिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. इसके लिए पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है. पार्टी जहां से भी उपचुनाव लड़ाएगी, वहीं से लडूंगा.
(CM Tirath Singh Rawat)
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विधायक मेरे उपचुनाव लड़ने के लिए अपनी सीट खाली करने को तैयार हैं. केंद्र जहां से कहेगा, वहीं से उपचुनाव लडूंगा. तैयारियां की जा रही हैं और जल्द ही उपचुनाव होगा. कांग्रेस द्वारा राज्य में संवैधानिक संकट होने के प्रश्न पर राज्य में भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि नियमानुसार चुनाव आयोग को चुनाव करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग उपचुनाव की घोषणा करे पार्टी तैयार है.
कौशिक ने संविधान की धारा 164(4) के विषय में कहा कि संविधान साफ तौर पर वर्णित हैं कि जो मुख्यमंत्री या मंत्री सदन का सदस्य नहीं है तो उनको 6 महीने में सदस्य बनना होता है. नहीं तो उसे पद से हटना होता. संविधान में सभी व्यवस्था है उसी के अनुसार चुनाव आयोग को इस अवधि में चुनाव करना होता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट की कोई बात ही नहीं है.
उधर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजरें भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर हैं. हाल में हुये बंगाल चुनाव में अपनी सीट हारने के बाद भी ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री बनी हैं. उन्हें भी छः माह के भीतर चुनाव जीतना है. कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने सभी चुनाव निरस्त कर दिये हैं. चुनाव आयोग यदि उत्तराखंड में उपचुनाव की घोषणा करता है तो उसे बंगाल में भी उपचुनाव की घोषणा करनी होगी.
(CM Tirath Singh Rawat)
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