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चमोली की जिलाधिकारी के खिलाफ मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे पत्रकार

पिछले कुछ दिनों से लगातार विवादों में रही चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया एकबार फिर विवादों में घिरती नजर आ रही हैं. चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की शिकायत लेकर स्टेट प्रेस क्लब उत्तराखंड का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जाकर मिला. जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया पर तानाशाहीपूर्ण रवैये का आरोप लगाते हुये प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया.
(Chamoli DM Controversy Uttarakhand)

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया पर चमोली के पत्रकारों और व्यापारियों का आरोप है कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को संजीदगी से लेते हुये तत्काल मुख्य सचिव को मामले में उचित कार्यवाही का आदेश दिया गया. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का किसी भी प्रकार का अपमान नहीं सहेगी.  

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया पर आरोप है कि पिछले दिनों एक आपदा पीड़ित के साथ उनके द्वारा किये गये व्यवहार की वीडियो क्लिप वायरल होने और होमगार्ड के जवान को तीन साल के लिए सस्पेंड किये जाने की घटना पर ख़बर चलाने के कारण पत्रकारों से नाराज हैं.

इन दोनों घटनाओं के बाद जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के खिलाफ चमोली के छात्र नेताओं व व्यापारियों ने डीएम का पुतला फूंककर प्रदर्शन किया था. आरोप है कि जिलाधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर घटना से संबंधित लोगों के विरुद्ध दुर्भावना से कार्यवाही कर रही हैं.
(Chamoli DM Controversy Uttarakhand)

तीन दिन पहले जिलाधिकारी के आदेश पर चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वर में पत्रकारों को आवंटित आवास के साथ ही व्यापारियों को दी गई दुकानों को प्रशासन द्वारा सील करने की कार्यवाही पर सवाल उठाये जा रहे हैं. इस आदेश के विरोध में व्यापारियों ने बाजार बंद कर जिलाधिकारी के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया था. इस दौरान महिला सहित छह व्यापारियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

जिला प्रशासन के मुताबिक गोपेश्वर में कुछ व्यापरियों को साल 2016 में दुकानें और कार्यालय आवंटित किए गए थे. नगर पालिका से आवंटित दुकानों को इन लोगों द्वारा किसी अन्य व्यवसायी को अधिक किराए पर दिया गया था और ये लोग नगरपालिका का किराया जमा नहीं कर रहे थे इस वजह से जिलाधिकारी के आदेश पर नगरपालिका ने दुकानों को पहले सील किया और फिर तुरंत अन्य व्यक्तियों के नाम उनका नए सिरे से आवंटन कर दिया गया.

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की इस कारवाई को दुर्भावनापूर्ण मानते हुये सवाल किये जा रहे हैं कि 2016 से अब तक क्यों कारवाई नहीं की गयी और चुनिन्दा दुकानों पर ही क्यों कारवाई की गयी. जिलाधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने व्यापारियों और पत्रकारों से बदला लेने के लिये वर्तमान में बिना किसी पूर्व नोटिस के अचानक उनके स्थल सीज कर मनमाने ढंग से नये लोगों को स्थल आवंटित भी कर दिये.
(Chamoli DM Controversy Uttarakhand)

काफल ट्री डेस्क

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