सोलहवीं सदी में बागेश्वर गए थे गुरु नानकदेव जी
उत्तराखण्ड में सिख सम्प्रदाय का प्रसार -1 सिख मत के साथ उत्तराखंड का संपर्क इसके प्रवर्तक गुरु नानकदेव जी के समय में ही हो चुका था. ज्ञानी ज्ञानसिंह द्वारा लिखे गए ग्रन्थ ‘गुरु खालसा’ में वर... Read more
ट्रेनिंग प्रोग्राम, नौकुचियाताल और सुसाइड पॉइंट
एक अरसा बीत गया था खुद को खुद से मिले हुए. बार-बार सोचती थी कि आखिर ये दूरी कैसे कम होगी. हालांकि इससे निकलने के लिए तमाम कोशिशें की. लंबी छुट्टी पर जानें की प्लानिंग भी, पर जिंदगी की तमाम झ... Read more
दिल टूटे हुए आशिकों का नया एन्थम सांग
साल 2008 था और गाना तूने मेरे जाना कभी नहीं जाना इश्क मेरा दर्द मेरा. यह गाना 2008 से 2009 तक आते आते भारतीय आशिकी का एन्थम सांग बन गया. हाईस्कूल से लेकर कालेज तक पढ़ने वाले हर गंभीर आशिक की... Read more
आजादी का आन्दोलन और इबलीस की खंभा प्रेस
अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का प्रयास कितना भी किया जाए, लोग रास्ता निकाल ही लेंगे. ऐसा अंग्रेजों के जमाने में बरेली शहर में हुआ.ये वाकया है 1920 के बाद का, जब असयोग आंदोलन चला और ठंडा हो... Read more
अदालती पचड़े में फंसी चारधाम यात्रा मार्ग परियोजना
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तराखंड के चारधाम राजमार्ग परियोजना से पर्यावरण संबंधित मंजूरी के निपटारे वाली एक याचिका को एक बड़ी खंडपीठ के हवाले कर दिया. न्यायमूर्ति जवाद रहीम और एस पी वांगडी... Read more
खाल का अर्थ अलग-अलग है कुमाऊं और गढ़वाल में
गढ़वाली बोली बोले जाने वाले इलाकों में ‘खाल’ शब्द का सम्बन्ध पहाड़ की चोटी के नज़दीक स्थित उस गहरे और समतल भूभाग से होता है जहां से पहाड़ के दोनों तरफ के भूभाग देखे जा सकते हैं. कुमा... Read more
उच्च हिमालयी ट्रैकिंग पर लगा प्रतिबन्ध हटा
उत्तराखण्ड वन विभाग द्वारा जारी आदेश में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रैकिंग का रास्ता साफ़ कर दिया है. कार्यालय प्रमुख वन संरक्षक, उत्तराखण्ड द्वारा इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि “Al... Read more
हजारे का चूरा
आज न जाने कैसे अचानक ‘चूरे’ की याद आ गई- जैसे वर्षों बाद कोई बाल सखा सामने आ जाए. सचमुच यार चूरे तू भी क्या चीज था. अब न तू है, न अपना वो बचपन. पर तेरी यादें हैं, रहेंगी. मेरे हम उम्र वो सभी... Read more
कछुआ खरगोश की अल्मोड़िया कथा
पटवारी पद के सैकड़ों उम्मीदवार शारीरिक दमखम साबित करने के लिए दस किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा ले रहे थे. वह भी एक उम्मीदवार था और कांखता-कराहता किसी तरह दौड़ रहा था. यह सोचकर वह हैरान था कि दौड़न... Read more
लंबी दाढ़ी वाला काज़ी (मराठी लोक कथा)
एक काज़ी साहब दिए की रोशनी में कोई पुरानी किताब पढ़ रहे थे. उसमें उन्होंने एक जगह पढ़ा “लंबी दाढ़ी वाले अक्सर बेवकूफ होते हैं” काज़ी साहब को बड़ी ख्वाहिश थी कि लोग उनकी अक्लमंदी का लोह... Read more