सिनेमा में लॉन्ग शॉट का मतलब
[दिल्ली में रहनेवाले संजय जोशी की जड़ें पहाड़ों में बहुत गहरे धंसी हुई हैं. वे नामचीन्ह लेखक शेखर जोशी के योग्य पुत्र हैं और पिछले तकरीबन दो दशकों से बेहतर सिनेमा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयत... Read more
हास्य की दुनिया का बेजोड़ बादशाह मिस्टर बीन
अपनी बचकानी शरारतों, शारीरिक अंगों के अजीब-ओ-गरीब हरक़त और अस्पष्ट संवादों के साथ कॉमेडी फिल्मों के माध्यम से हंसी पैदा करने वाले रोवन एटकिंसन का चेहरा ‘मिस्टर बीन’ के नाम से ही प... Read more
सहासिक गतिविधियों के नियमावली को गवर्नर की मंजूरी के बाद रोक हटने की उम्मीद
प्रदेश भर में साहसिक खेलों पर लगी रोक हटने की उम्मीद जगी है. कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद राज्यपाल ने भी अब इसकी संशोधित नियमावली को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब उत्तराखंड में साहसिक खेल... Read more
कैरिबियन के भारतीयों का चटनी संगीत
चटनी संगीत का उद्भव दक्षिणी कैरिबियाई इलाक़े में हुआ था – सबसे पहले त्रिनिडाड एन्ड टोबैगो में १९वीं सदी में नौकरों और गुलामों के तौर बसाए गए भारतीय मजदूरों की सन्ततियों ने इसे विकसिन क... Read more
उत्तराखंड की बेटी का जलवा, डीकेडी 2 फतह के बाद अब पापसुरा पर्वत फतह की तैयारी
आज देश भर की बेटियां हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं. उत्तराखंड के हल्द्वानी में कुसुमखेड़ा की 24 वर्षीय पर्वतारोही पूजा पलड़िया शर्मा ने भी पूरे देश भर में प्रदेश का नाम रोशन किया. समुद्र... Read more
हाथी के बदले गधा खरीदने वाले को नमस्कार
भारतेंदु हरिश्चन्द्र के कालजयी नाटक अन्धेर नगरी की शुरुआत में लिखी गई हैं ये पंक्तियां – छेदश्चंदनचूतचम्पकवने रक्षा करोरद्रुमेः हिंसा हंसमयूरकोकिलकुले काकेषुलीलारतिः। मातंगेन खरक्रयः स... Read more
केदारनाथ के सबक की अनदेखी
अगर आपको याद होगा तो 2013 की आपदा के 4 साल गुजरने के बाद, ‘केदारनाथ यात्रा’ के पिछले साल के सीजन में एक बात बेहद खास रही कि इसकी शुरुआत और समापन, दोनों मौकों पर देश के प्रधानमंत्... Read more
जिला प्रशासन ने आपदा को देखते हुए पिंडारी, कफनी तथा सुंदरढूंगा ग्लेशियरों की सैर पर रोक की अवधि बढ़ा दी है. वन विभाग ने एक सितंबर से ग्लेशियर पर लगाई रोक हटाने का निर्णय लिया था. लेकिन 29 अग... Read more
ऐसी भी होती है एक बस यात्रा की दास्तान
ये बस दो रेगिस्तानी जिला मुख्यालयों को जोडती है जो दिन में शहर और रात में गाँव हो जाते है.सुबह ये शहर का सपना लिए जगते हैं और रात को सन्नाटा लिए सो जातें हैं.इनके बीच सदियों का मौन हैं, सिर्... Read more
अल्मोड़ा से बम्बई चले डेढ़ यार – पहली क़िस्त पहले अल्मोड़ा से अपनी मीट की दुकान से भागकर मुंबई पहुंचे आधे यार रमेश मटियानी उर्फ़ शैलेश का किस्सा. आधा यार इसलिए कि सोलह साल की उम्र में भावुकता में... Read more