एक मिसाल है उत्तराखंड के जगत सिंह चौधरी ‘जंगली’ का जंगल : विश्व वन दिवस विशेष
उत्तराखण्ड के गढ़वाल इलाके में रूद्रप्रयाग जिले के एक छोटे से गांव में रहते हैं जगत सिंह चौधरी और ‘जंगली’ के नाम से जाने जाते हैं. ‘जंगली’ के जंगल तक पहुंचने के लिए रूद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग... Read more
जॉनी: लोग हमें हमारे जूतों से पहचानते है
जॉनी राजकुमार का भी एक ज़माना था. फुटबाल के साइज़ जितना उनका ईगो था. वो सर्व सुलभ कलाकार नहीं थे. उनको वही साइन करने की हिम्मत करता था, जिसमें बड़े-बड़ों के नखरे सहने का माद्दा हो. और दिल-गुर्दा... Read more
कीड़ाजड़ी के कारोबार को सरकार ने वैध घोषित कर दिया है. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट की बैठक में कीड़ा जड़ी के दोहन और संग्रहण के लिए कैबिनेट ने नीति को म... Read more
हर ‘जिंदगी’ को धुएं में उड़ाता चला गया !
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर ‘ग्लोबल हेल्थ रिसर्च पेपर’ की रिपोर्ट के हवाले से पता चला हैं कि क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) का कारण 80% विकसित... Read more
धुर गहराती कातिग के महीने चम्म चमकीले झीने उजास को बिखेरती जुन्याली रात का उजाला ऐसा कि दूर खड़ीक के पेड़ों पर पिंगलाई छोटी-छोटी खड़ीक की दाणी भी साफ दिखाई दे. कातिग के महीने में घर बौण का काम... Read more
उत्तराखंड में वन्यजीवों की सुरक्षा किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. राज्य में 6 नेशनल पार्क, 7 अभ्यारण और 4 कंजर्वेशन रिजर्व हैं. इस चुनौती से निपटने के लिये सरकार जल्द ही वन्य जीव अंचल व्यवस्... Read more
जंगली बने सीमा सुरक्षा बल के ब्रांड एम्बेसेडर
अपनी जिद और परिश्रम के बल पर बंजर धरती को हरे-भरे जंगल में बदलें वाले और अब एक पर्यावरणविद के रूप में विख्यात हो चुके जगत सिंह चौधरी उर्फ़ जंगली को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपना पर्यावरण ब... Read more
यह सेलेब्रिटी युग है. डेरा चलाने वाले बाबा से लेकर ड्रग एडिक्शन से जूझ रहा बम्बइया एक्टर और अबोध इंसान को जिंदा जला देने वाले अपराधी से लेकर रिमोट से चलने वाला कमोड फ्लश बनाने वाला आदमी तक स... Read more
-प्रशांत टंडन पिछले चैबीस घंटों के घटनाक्रम आने वाले देश की राजनीति में भूचाल ला सकते हैं. एक के बाद एक तीन घटनायें ऐसी हुई है जिसकी आंच से मोदी आसानी से निकल नहीं पायेंगे. सबसे पहले अरुण शौ... Read more
खूंखार मंडरा रहे हैं और इन सबके बीच एक स्त्री अपनी स्वतंत्रतता में आ जा रही है
समंदर के पास रहने वाली एक लड़की की स्मृति में – शिवप्रसाद जोशी कुछ वर्ष पुरानी एक रेल की धड़धड़ाहट, यादों में उभर आयी. उसने दिन भर काम निपटाया होगा. कोच्चि में उसके ऑफ़िस में उसके सहयो... Read more