शैलेश मटियानी एक लेखक का नाम है
विधाता जब किसी को भरपूर प्रतिभा देता है तो उसके साथ ऐसी विसंगतियाँ भी जोड़ देता है कि उसके लिए जीना दूभर हो जाता है. इस विसंगति के चक्रव्यूह से वही निकल पाते हैं जिनमें संघर्ष करने की अपार क... Read more
एक थी ओरियाना फ़ल्लाची
इटली की ओरियाना फ़ल्लाची (२९ जून १९२९-१५ सितम्बर २००६) पत्रकारिता की दुनिया में विश्वविख्यात नाम है. बाद के दिनों में वे अपने महान और निडर राजनैतिक साक्षात्कारों के लिए जानी गईं. उन्होंने जिन... Read more
जिस महिला पर उत्तराखण्ड हमेशा नाज करेगा
विपरीत परिस्थितियों में भी उत्तराखण्ड की कई महिलाओं ने राष्ट्रीय पटल पर सशक्त हस्ताक्षर किये हैं. इनमें से एक हैं चंद्रप्रभा ऐतवाल. चंद्रप्रभा 24 दिसंबर 1941 को उत्तराखण्ड के सीमान्त जिले के... Read more
द नेम इज़ बॉन्ड, रस्किन बॉन्ड
जो भी मसूरी आता है, उनके बारे में पूछता है, कहां रहते हैं, कैसे दिखते हैं और यहां तक कि लोग सीधे उनके घर तक चले आते हैं. 76 साल की उम्र में भी रस्किन बॉन्ड को लेकर एक दीवानगी सी है. उनकी शख्... Read more
एक और दिवस और हिन्दी में बिन्दी
एक बड़ा सा हॉल, इतना बड़ा कि मेरे कल्लू-झल्लू बैल की जोड़ी के साथ हमारी तीनों भैंसे और एक थोरू समेत गाँव के लगभग आधे परिवारों के इतने ही जानवर इसमें बांधे जा सकते थे. बीच में लगी एक बैंच जिसके... Read more
कुमाऊं की सोमेश्वर तहसील के रस्यारा गांव के चन्द्रलाल सेन जिनके पोते आज विश्व चैम्पियन हैं
कुमाऊँ की सोमेश्वर तहसील के रस्यारा गाँव में 1931 में जन्मे चन्द्रलाल सेन कुल ग्यारह भाई-बहनों में छठे थे. उनके निस्संतान चाचा बद्रीलाल सेन ने, जो अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में कम्पाउंडर की नौ... Read more
हिन्दी पढ़ने – पढ़ाने वालों की एक अलग दुनिया है जो इसी दुनिया में होते हुए भी अलग – सी है – बहुत कुछ एक बंद दुनिया की तरह . यहाँ संकेत हिन्दी रचनाकार और पाठक वर्ग से नहीं अपि... Read more
क्रिकेट के प्रति भारत की दीवानगी के चलते हमारे यहां पर्याप्त क्षमता होने के बावजूद जिन खेलों के साथ लम्बे समय तक पूरा न्याय नहीं हो पाया है, बैडमिटन उनमें प्रमुख है. छोटे-छोटे कस्बों तक में... Read more
प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा
सालों पहले की बात है. राज कपूर क्लासिक ‘मेरा नाम जोकर’ की नाकामी के बाद लव स्टोरी ‘बॉबी’ (1973) बना रहे थे. विलेन के लिए छोटी सी जगह थी. उन्हें याद आये प्रेम चोपड़ा. अ... Read more
केदारनाथ पहुंचा बन्दर, तो लेह लद्दाख पहुंचा लँगूर
हिमालय ग्लोबल वार्मिंग से झुलस रहा है. अब इसका असर दिखने लगा है. लेह लद्दाख में लंगूर पहुंच गये हैं तो केदारनाथ से ऊपर तक बंदर आराम से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. ये दोनों ही जीव अमूमन, ज... Read more