हल्द्वानी में ‘देशज’ का कानफोड़ू साउन्ड सिस्टम
हल्द्वानी में ‘देशज’ का कानफोड़ू साउन्ड सिस्टम -जगमोहन रौतेला हल्द्वानी में गत 2 अक्टूबर से महात्मा गॉधी की 150वीं जयंती को समर्पित ‘देशज ‘का तीन दिवसीय कार्यक्रम चल रहा है. जिसका आज 4 अक्टू... Read more
फ़र्क़ -आलोक धन्वा देखना एक दिन मैं भी उसी तरह शाम में कुछ देर के लिए घूमने निकलूंगा और वापस नहीं आ पाऊँगा ! समझा जायेगा कि मैंने ख़ुद को ख़त्म किया ! नहीं, यह असंभव होगा बिल्कुल झूठ होगा !... Read more
खुद को जवाब दो लड़कियो और मिलकर नई राह ढूंढो
मैं तय करती हूं कि तुम मेरे सार्त्र बनने के लायक नहीं – मनीषा पाण्डेय वैसे इस सत्य से किसको इनकार है कि बहुसंख्यक हिंदुस्तानी मर्द निहायत सामंती, घटिया और मर्दवादी हैं. – ... Read more
नगर पिथौरागढ़ का सम्पूर्ण इतिहास
‘शोर’ परगने को वर्तमान में जिला पिथौरागढ़, जिला बनने से पूर्व पिठौरागढ़, पिठौडागढ़ नाम से पुकारा जाता था. आम बोलचाल और शोरयाली भाषा में इसे शोर कहा जाता था. गंगोली, काली कुमाऊँ, अल्मोड़ा, नैनीता... Read more
हजरत सैंया बाबा
मुझे बचपन की याद है कि मुंशी मत्लुबुर्रहमान खां नगरपालिका, अल्मोड़ा के खोड़ के मुंशी थे. वे नगर-पालिका परिषद् की बिल्डिंग के बांयी ओर गाड़ी सड़क से लगी हुई बोर्ड की बिल्डिंग में अपना दफ्तर का का... Read more
सिटौला और घुघुता
वैसे तो ऊपर के चित्र में दिख रही चिड़ियां कुमाऊँ में बहुतायत से पाई जाती हैं और इनके कॉटेज मैना और स्पॉटेड डव जैसे आकर्षक अंग्रेज़ी नाम भी हैं लेकिन कुमाऊनी बोली में इन दोनों को ख़ास तरीकों से... Read more
माफ़ करना हे पिता – 1
सभी के होते हैं, मेरे भी एक (ही) पिता थे. शिक्षक दिवस सन् २००१ तक मौजूद रहे. उन्होंने ७१-७२ वर्ष की उम्र तक पिता का रोल किसी घटिया अभिनेता की तरह निभाया मगर पूरे आत्म विश्वास के साथ. लेकिन म... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 1
रूपकुंड की रहस्यमयी झील के बारे में मैं बहुत किस्से सुने चुकी हूँ. खासकर की झील के चारों ओर बिखरे हुए नरकंकालों के बारे में पर अब मैं इन रहस्यों और किस्से कहानियों को अपनी नजरों से देखना चाह... Read more
यूपी के दो दोस्तों की चिठ्ठियाँ
प्रमुख रूप से चिंता का विषय निश्चित रूप से गधा चिंतन ही है -राहुल पाण्डेय प्रिय मिरगेंदर, तुमने अपनी चिट्ठी में मुझसे जो सवाल पूछा, यकीन मानो उस सवाल ने क्या दिन और क्या रात, मुझे बेचैन... Read more
अनारकली की हिचकी
सलीम अनारकली की प्रेमकथा फंतासी शैली में हिंदी ही नहीं, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम में भी फिल्मांकित की गई. मूक युग में भी आर. एस. चौधरी ने ‘अनारकली’ चारू राय तथा प्रफुल्ल रॉय ने ‘ द लब्ज आ... Read more