कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 13
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
पीहू की कहानियाँ – 1
काफल ट्री पर आप पिछले कई दिनों से विनोद कापड़ी की आत्मकथा बेरीनाग टू बंबई वाया बरेली पढ़ रहे हैं. 16 नवम्बर को विनोद कापड़ी की फिल्म पीहू रिलीज होने जा रही है. विनोद अपनी फिल्म पीहू से जुड़ी कुछ... Read more
पश्चिम की यह युवा पीढ़ी दूसरे दिन हम कंधार शहर देखने निकले. चारों और पिश्चमी देशों के चरस के शौकीन दिखायी दिये. कंधार के रेस्तराओं में पाश्चात्य संगीत एवं अफगानी चरस के बीच ये लोग आलौकिक आनंद... Read more
दुनिया का सबसे ग़रीब आदमी कौन होगा
चन्द्रकान्त देवताले 7 नवंबर 1936 को जौलखेड़ा, बैतूल (मध्य प्रदेश) में जन्मे चन्द्रकांत देवताले समकालीन हिन्दी कविता के सबसे बड़े हस्ताक्षरों में से थे. उन्होंने अपने कार्य के लिए साहित... Read more
9 नवम्बर 2000 आख़िर वो दिन आ ही गया जिसका हर उत्तराखंडवासी को इंतज़ार था. एक लम्बे संघर्ष के बाद पृथक राज्य का निर्माण हुआ. सबकी ऑंखों में एक ही सपना तैरता था कि अपना अलग पहाड़ी राज्य होगा ज... Read more
74 वें संविधान संशोधन की जमीनी चुनौती
आजकल उत्तराखंड की 84 नगर निकाय में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने पर, प्रचार जोरों में है. सुबह शाम मोहल्लों में प्रत्याशियों की आमद बढ़ रही है, नुक्कड़ की दुकानें फिर राजनीतिक गपशप से गुलजार... Read more
कहो देबी, कथा कहो – 8
पिछली कड़ी उस दिल्ली में वे दिन मन में कृषि वैज्ञानिक और एक साहित्यकार बनने का सपना बुनते-बुनते पहाड़ से दिन भर की लंबी यात्रा के बाद तपती दिल्ली पहुंचा. साथी कैलाश पंत यानी के. सी. साथ था. दो... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 12
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
योगेश साह, राजा साह और विजय मोहन खाती – 21 मार्च 1976 को ये तीन नौजवान नैनीताल से विश्व यात्रा पर निकले. अमृतसर से काबुल और वापसी का हवाई टिकट घर वालों ने खरीद कर दिया जिसमें करीब बारह... Read more
मैं अभी-अभी माँ से मिलकर आया हूँ
चन्द्रकान्त देवताले 7 नवंबर 1936 को जौलखेड़ा, बैतूल (मध्य प्रदेश) में जन्मे चन्द्रकांत देवताले समकालीन हिन्दी कविता के सबसे बड़े हस्ताक्षरों में से थे. उन्होंने अपने कार्य के लिए साहित... Read more