अनुवाद पढ़कर बनता है गंभीर और स्थायी पाठक भारत जैसे महादेश में जितनी भाषाएं बोली जाती हैं, उन्हें देखते हुए कोई भी अनुमान लगा सकता है कि यहाँ के लोग कितनी तो भाषाएँ जानते होंगे. मगर वास्तविकत... Read more
डमास्कस में किस्मत के सितारे आज कुछ बुलंद लग रहे थे. लिफ्ट के लिए हमें इंतजार नहीं करना पड़ा. 25’००० सीरियन पाउण्ड की एक चमचमाती नई कार में हमें शीध्र ही लिफ्ट मिल गई. 100 से 120 किमी प... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 14
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
हमें अदाएँ दीवाली की ज़ोर भाती हैं
आज से कोई तीन सौ बरस पहले आगरे में एक बड़े शायर हुए नज़ीर अकबराबादी. नज़ीर अकबराबादी साहब (1740-1830) उर्दू में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं. समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी नज़ीर साहब के यहा... Read more
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 5
गुडी गुडी डेज़ अमित श्रीवास्तव हीरामन उवाच ‘गुडी गुडी मुहल्ले की निवर्तमान सामाजिकी चार आप्त वाक्यों से मिलकर बनी थी,’ कहता हीरामन, ‘इन्हें ही लोकतंत्र के चार मजबूत स्तम्भ भी कहा जा सकत... Read more
जो रास्ता नहीं भूलते
चन्द्रकान्त देवताले 7 नवंबर 1936 को जौलखेड़ा, बैतूल (मध्य प्रदेश) में जन्मे चन्द्रकांत देवताले समकालीन हिन्दी कविता के सबसे बड़े हस्ताक्षरों में से थे. उन्होंने अपने कार्य के लिए साहित... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 26
1960 से पहले यहाँ यात्रियों, पर्यटकों के टिकने के लिए विशेष होटलों कि व्यवस्था नहीं थी. तेवाड़ी होटल, जगदीश होटल, अम्बिका होटल पंजाब होटल के अलावा ढाबों में लगी बैंचों और केएमओयू स्टेशन, अनाथ... Read more
उत्तराखंड में संभावनायें
हम उत्तराखंड राज्य की स्थापना की 18वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं. इस राज्य को बनाने का सबसे पहला संगठित विचार सन 1958 में श्रीनगर गढ़वाल में आया था जब वहां के तात्कालिक राजनीतिक, सामाजिक विचा... Read more
एक दिलकश हिमालयी ताल: देवरियाताल
रूद्रप्रयाग से 49 किमी की दूरी पर स्थित देवरिया ताल एक दिलकश हिमालयी है. हरे भरे जंगलों से घिरी इस अद्भुत झील के आईने में गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और नीलकंठ की चोटियों के साथ... Read more
तुर्की की रेल में हिंदी का गीत तेहरान से आगे की यात्रा रोचक रही. तेहरान से इस्ताम्बुल तक का रेलवे मार्ग विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक क्षेत्रों से होकर गुजरता है. कभी रेल बर्फीले रेगिस्तान से... Read more