हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 29
पहाड़ की प्रमुख मंडी हल्द्वानी के आबाद होने की कहानी बहुत रोचक है. इसका वर्तमान चाहे कितना ही स्वार्थी हो गया हो इसका भूतकाल बहुत ईमानदार और विश्वास पर आधारित था. मूल रूप से रानीखेत के रहने व... Read more
भाबर के गांवों में टैक्टरों के कारण बैल रखने तो लोगों ने अब खत्म ही कर दिये हैं. दूध के लिये लोग गाय की अपेक्षा भैंस पालना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि उसके दूध में फैट ज्यादा होता है और डेय... Read more
बागेश्वर के बाघनाथ मंदिर की कथा
पवित्र सरयू नदी के धरती पर अवतरण से सीधी जुड़ी हुई है बागेश्वर के विख्यात बाघनाथ मंदिर की कथा. मिथक है कि जब ऋषि वशिष्ठ सरयू गंगा को देवलोक से लेकर आ रहे थे, उसी समय मुनि मार्कंडेय उस स्थान प... Read more
मानव के प्रदर्शन करने की भावना बहुत शक्तिशाली होती है. जीवन के इस नाटक में अपनी कला प्रदर्शन का अगर पर्याप्त अवसर नहीं मिलात है तो इसके परिणाम होते हैं, विमान अपहरण या सामूहिक हत्याकांड जैसी... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 18
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more
नैनीताल में दीवाली: वीरेन डंगवाल
नैनीताल में दीवाली ताल के ह्रदय बले दीप के प्रतिबिम्ब अतिशीतल जैसे भाषा में दिपते हैं अर्थ और अभिप्राय और आशय जैसे राग का मोह तड़ तडाक तड़ पड़ तड़ तिनक भूम छूटती है लड़ी एक सामने पहाड़ पर बच... Read more
पीहू की कहानियाँ – 4
ऐसा भी लगा था कि ये फ़िल्म शायद शूट नहीं कर पाएँगे पीहू की शूटिंग के लिए हमें बहुत कुछ नॉन फ़िल्मी करना था. हम सब जानते थे कि ये कोई रोज़ शूट होने वाली फ़िल्म नहीं है. ये एक अलग फ़िल्म है. ए... Read more
स्वयं को सर्वज्ञानी समझने वाले भाई साहब
भाई साहब बड़े ही जानकार हैं. सब कुछ जानते हैं. हर चीज की उन्हें नॉलेज है. दूसरों की नॉलेज तथा काबिलियत पर उन्हें हमेशा शक रहता है. आप किसी विषय पर बात करें, भाई साहब को उसकी पूरी जानकारी होगी... Read more
यहां के युवक-युवतियों लगभग 35 वर्ष की उम्र तक साइकिल, मोटर साइकिल, कार, बस, ट्रेन, हवाई जहाज से घूमते रहते हैं. कहीं कोई चिन्ता के चिह्न नहीं, किसी को किसी से कोई मतलब नहीं हरेक की अपनी अलग... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 17
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मंदिर में... Read more