प्रमोद कौंसवाल की कविता
वो अपनी ही कविता के एक लुटेपिटे हैरान से थकान से चूर खून और गर्द से भरे चेहरे वाले आदमी सरीखे हैं -शिवप्रसाद जोशी हिंदी के युवा कवि प्रमोद कौंसवाल का पहला कविता संग्रह 90 के दशक में आया था.... Read more
रात गहराने पर वह बास्केटबॉल लेकर सो जाता था
कुछ खिलाड़ी सचमुच अद्वितीय होते हैं, वे अपनी व्यक्तिगत शैली का इतना प्रभाव छोड़ते हैं कि खेल उनके आने के बाद पहले जैसा नहीं रह जाता. इधर के दशकों में हम क्रिकेट में सनत जयसूर्या का ज़िक्र कर सक... Read more
एक कहानी ये भी – मीनाकुमारी और धर्मेन्द्र
बहुत से लोग आज इस बात को यक़ीन से कहते हैं कि धर्मेन्द्र ने अपना करियर बनाने के लिए मीनाकुमारी का इस्तेमाल लिया. उस समय मीनाकुमारी अपनी लोकप्रियता के शिखर पर थीं. शायद असल कहानी तो कभी बाहर... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 55
जहिद हुसैन बताते हैं कि पहले जब संसाधन नहीं थे, पैदल और घोड़ों पर बारात जाया करती थी. 40-50 किमी तक की यात्रा बैण्ड वाले भी करते थे. उनके ताऊ अलताफ की चोरगलिया की किसी बारात में जाते समय हृदय... Read more
आदिम संस्कृति और समाज के लिए संघर्ष करता जौनसार बावर का त्यौहार – बूढ़ी दिवाली
पूरे देश मे दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है लेकिन उत्तराख़ण्ड के जिला देहरादून के जनजातीय श्रेत्र जौनसार बावर और हिमाचल के सिरमौर जिले लाधेई क्षेत्र के कुछ गावों में यह ठीक... Read more
पिथौरागढ़ का गुरना माता मंदिर
घाट से पिथौरागढ़ के बीच लम्बे मोड़ों वाली घुमावदार सड़क है. पिथौरागढ़ को जोड़ने वाला यह एकमात्र मुख्य मार्ग है. 1950 में जब पिथौरागढ़ शहर में सड़क पहुंची तो पहले कुछ वर्षों में इस सड़क में बहुत सी द... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 53
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
कैसे बनती हैं बरेली की मशहूर सेवइयां
बरेली के मठ लक्ष्मीपुर में इरफ़ान अली पिछले १५ सालों से अपने दो भाइयों नाज़िम और नौशाद के साथ मुक़द्दस माह-ए-रमज़ान और सावन में रोजादारों और भक्तों के लिए सेवइयां बनाते हैं. वे मैदे से इन से... Read more
नैनीताल में थियेटर का इतिहास करीब एक शताब्दी पुराना है और नैनीताल नगर ने लम्बे समय से रंगमंच के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई हुई है. ललित तिवारी, निर्मल पांडे, सुदर्शन जुयाल, सुनीता रजवार... Read more
भारतीय हॉकी का चमत्कारिक खिलाड़ी रूप सिंह
ग्वालियर के रूप सिंह स्टेडियम का नाम एक महान हॉकी प्लेयर के नाम पर रक्खा गया. रूप सिंह भारतीय हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के भाई थे. रूप सिंह हॉकी के शानदार लेफ़्ट-इन प्लेयर थे. जो गेंद को गोली क... Read more