देबी के बाज्यू आये पंतनगर
कहो देबी, कथा कहो – 25 पिछली कड़ी:कहो देबी, कथा कहो – 24, पंतनगर में दुष्यंत कुमार और वीरेन डंगवाल पंतनगर आने का फायदा यह हुआ कि अब गांव से पिताजी भी वहां आ सकते थे. असल में उन्हें चलती हुई ब... Read more
नए साल का कैलेण्डर, पतझड़ और मौसमे-बहार वगैरह
सभी को पता है फिर भी बताना ठीक रहता है कि नया साल आ गया. अपना मकसद नये साल की बधाई देना नहीं है. अपनी ज़बान में कुछ ऐसी तासीर है कि जिसे नया साल मुबारक कहा, उनमें से ज्यादातर की जेब साल की श... Read more
हिमालय के पहाड़ी इलाकों ख़ास तौर पर उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और नेपाल में पाई जाने वाली कुत्तों की सबसे विख्यात नस्ल है हिमालयन शीपडॉग. आम बोलचाल की भाषा में इसे भोटिया कुकुर कहा जाता है. आधि... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 72
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 14 (पिछली क़िस्त : और इस तरह जौ की ताल ने बचाई इज्जत, मैंने मां के सामने स्वाभिमान की रक्षा की) (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के लोड हो... Read more
आप उत्तराखण्ड के किसी भी इलाके में सैलानी बन कर भ्रमण के लिए निकले हों तो तय है कि आपको कई जगहों पर सड़कों के किनारे-किनारे दौड़ने का अभ्यास करते, पसीने में सराबोर किशोरों के छोटे-बड़े समूह नज़... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 71
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
युवाओं को खोखला करता बेरोजगारी का घुन
23 साल का ताजा-ताजा ग्रेजुएट लड़का अक्सर मेरे पास आकर अक्सर बैठ जाया करता है. एक दिन वह काफी देर तक बैठा रहा, मैं अपने कारोबार निपटाता हुआ बीच-बीच में उससे बात भी करता रहा. उसने कई दफा मुझसे... Read more
पहलवानों में पहलवान गामा पहलवान
गामा पहलवान अब हमारे महादेश की किंवदन्तियों का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं. उन्हें याद करना अन्तहीन नोस्टैल्जिया जगाता है. बचपन में मेरे पास एक छोटी सी किताब थी जिसमें भारत की चुनिन्दा विभूतिय... Read more
नैनीताल के चिलम सौज्यू की दास्तान
बड़ा बाज़ार के पास वाले मोड़ पर ही, जहाँ किसी जमाने में घोड़ा स्टेंड था, उसी तिराहे पर, स्टेट बैंक की बगल में हल्की-सी दिखाई देती शिला के नीचे हमेशा दुबके रहते हैं चिलम सौज्यू. आप लोग उन्हें देख... Read more