जियारानी (Jiarani) कत्यूरी वंश की रानी थी. खैरागढ़ के कत्यूरी सम्राट प्रीतमदेव उनके पति हुआ करते थे. हल्द्वानी शहर, उत्तराखंड (uttarakhand) से लगभग चार किमी की दूरी पर रानीबाग स्थित है. यहाँ... Read more
चल उड़ जा रे पंछी
कहो देबी, कथा कहो – 29 पिछली कड़ी: कहो देबी, कथा कहो – 28, पंतनगर के सन्नाटे में धांय-धांय गोलीकांड क्या हुआ कि शांत पंतनगर की फ़िजा ही बदल गई. चारों ओर निराशा का माहौल दिखाई देता. गोलीकांड के... Read more
बचपन की यादों का पिटारा घुघुतिया त्यार
[उत्तराखंड (Uttarakhand) में मनाया जाने वाला घुघुतिया त्यार (Ghughutiya)अब वैसे उत्साह से नहीं मनाया जाता. एक समय बच्चों के सबसे प्रिय त्यौहारों में शामिल घुघुतिया का आकर्षण आधुनिकता के साम... Read more
कत्यूरियों के समय का है रानीबाग का चित्रेश्वर मंदिर उत्तरायणी (Uttarayani) यानी मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) के दिन नैनीताल (Nainital) से 28 किमी. दूर स्थित रानीबाग (Ranibagh) नाम की जग... Read more
अनेक कथाएँ जुड़ी हैं घुघुतिया त्यौहार से
घुघुतिया त्यार के अनेक नाम उत्तराखंड में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को घुघुतिया (Ghughutiya) संक्रांति या पुस्योड़िया संक्रांति भी कहते हैं. उत्तराखंड में इसके अन्य नाम मकरैण, उत्तरैण, घ... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 86
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
हल्द्वानी में उत्तरायणी के जुलूस की तस्वीरें
हल्द्वानी में निकलता है हर साल उत्तरायणी का जुलूस उत्तरायणी (Uttarayani) के अवसर पर हल्द्वानी (Haldwani) नगर में एक जुलूस (Procession) निकाला जाता है. इस मौके पर नगर और आसपास के लोगों की बड़ी... Read more
उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम और अन्य जनान्दोलनों की बुनियाद है कुली बेगार उन्मूलन
बागेश्वर की ऐतिहासिक मकर संक्रांति (Makar Sankranti) 13 जनवरी 1921 मकर संक्रांति के दिन बागेश्वर (Bageshwar) के सरयूबगड़ में दस हजार से अधिक आजादी के दीवानों ने गुलामी और कलंक के प्रतीक कुली... Read more
कुमाऊँ के बागेश्वर में सरयू-गोमती के संगम पर उत्तरायणी (Makar Sankranti) का विशाल मेला लगता है. इस उत्तरायणी मेले का पौराणिक, धार्मिक व व्यावसायिक महत्व होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व भी है.... Read more
शेर और गधे की उत्तर आधुनिक लोककथा
एक शेर था, जिसका नाम था -गधा. कभी-कभी उसे ‘ऐ गधे!’ करके भी पुकारा जाता था. एक बार वो जंगल में शिकार पर निकला. उसे हिरन बहुत पसंद थे. उनका माँस बहुत नरम और स्वादिष्ट होता था, और उ... Read more