न हों ज्ञान से बड़ी किताबें
संजय चतुर्वेदी की कविता पुस्तक मेले हुईं ज्ञान से बड़ी किताबें अर्थतन्त्र के पुल के नीचे रखवाली में खड़ी किताबें जंगल कटे किताब बनाई लेकिन चाल ख़राब बनाई आदम गए अक़ील आ गए आकर अजब शराब बनाई श्रम... Read more
बजट से पहले हलवा पार्टी
भारत में बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले एक ख़ास रस्म निभाई जाती है. इस रस्म के तहत वित्त मंत्री बजट के दस्तावेजों की छपाई से पहले अपने हाथों से सभी को हलवा परोसते हैं. कई सालों से चली आ रही इ... Read more
उत्तराखंड के लद्दाख की तस्वीरें
उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में भारत तिब्बत सीमा पर एक गांव है जादुंग. जादुंग, नेलांग घाटी में स्थित एक गांव है. नेलांग घाटी एक इनरलाइन एरिया है जो कि भारत चीन के बॉर्डर पर पड़ता है, पर्यटकों के... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 102
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
उत्तरकाशी की जाड़ जनजाति की अनोखी विवाह परंपरा
जाड़ जनजाति (Jaad Tribe) मूलतः गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी की उत्तरी सीमा में है. भागीरथी की ऊपरी सहायक नदी जाड़गंगा (जाहनवी ) के नेलांग घाटी इनका मूल निवास हुआ करता था. हाल-फिलहाल ये उत्तरकाशी के... Read more
गांधीजी ने जिस फिल्म को सराहा
हिंदी सिनेमा में ‘अछूत कन्या’ का ऐतिहासिक महत्त्व है. छुआछूत के विरोध में बनी यह पहली फिल्म थी. बाम्बे टॉकीज’ निर्मित और फ्रैंज ऑस्टन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में देविका रानी को सौन्दर्य के... Read more
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के पास एक गाँव में बसा है संभावना संस्थान . संभावना एक शैक्षणिक संस्थान है. पालमपुर नगर से संभावना परिसर की दूरी 8 किमी है. पिछले पांच सालों से हर साल संभावना संस्था... Read more
गांधी के घर में सबके लिये जगह है
वर्ष 2002 के नवंबर महीने में मुझे तीन दिन के लिए सेवाग्राम (वर्धा) में रहने का अवसर मिला था. यह महात्मा गांधी से जुड़ी जगह पर रहकर खुद की गढ़ी ‘गांधी छवि’ को परखने का एक खास मौका थ... Read more
आजादी के बिगुल: सोर घाटी पिथौरागढ़ -प्रोफेसर मृगेश पाण्डे ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ मारो और मरो की हसरतें पाले अवध लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह ने 1857 में कूर्मांचल के जुझारू कालू सिंह महरा क... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 101
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more