“रिद्धि को सुमिरों सिद्धि को सुमिरों” – उत्तराखण्ड लोकसंगीत की विलुप्त वैरागी परम्परा
बुजुर्ग लोग बताते हैं कि आज से कोई पांच-छह दशक पूर्व तक गुरु गोरखनाथ की परंपरा के नाथ पंथी योगी पहाड़ के गावों में घूम-घूम कर इकतारे की धुन में उज्जैन के राजा भृतहरि व गोपीचंद की गाथा सुनाया... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 107
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
मैं हल्द्वानी हूँ – एक फिल्म
हल्द्वानी में पहले हल्दू के पेड़ बहुतायत में हुआ करते थे इसलिए उसे हल्द्वानी कहा जाने लगा. वर्तमान हल्द्वानी के निकट मोटाहल्दू और हल्दूचौड़ गांव हैं. पूर्व में मोटाहल्दू के निकट वाले क्षेत्र क... Read more
देना! – नवीन सागर जिसने मेरा घर जलाया उसे इतना बड़ा घर देना कि बाहर निकलने को चले पर निकल न पाये. जिसने मुझे मारा उसे सब देना मृत्यु न देना. जिसने मेरी रोटी छीनी उसे रोटियों के समुद्... Read more
गिर्दा का केदारनाद
विगत कुछ सालों से महानगरों में खप रहे युवाओं के बीच पहाड़ लौटकर कुछ कर गुजरने का एक नया, सकारात्मक चलन देखने में आ रहा है. ये युवा बहुत उम्मीद के साथ पहाड़ लौटते हैं और खुद पहाड़ की उम्मीद बन ज... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 106
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
अलग पहचान रखता है थारू समुदाय
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल के नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिले के तराई अंचल में रहने वाले एक समुदाय को थारू जनजाति के नाम से जाना जाता है. ये लोग तराई की बीहड़ जलवायु में घने जंगलों के बीच प्राकृत... Read more
लोक से जुड़ी किसी भी चीज की एक विशेषता होती है कि वह अन्तराष्ट्रीय स्तर पर किसी न किसी रूप में मौजूद रहती है. फिर चाहे वह संगीत हो नृत्य हो या खेल हो. उदाहरण के लिये उत्तराखंड में मुख्यतः लड़क... Read more
नाटक में नाटक
कहो देबी, कथा कहो – 33 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 32 नौकरी की आपाधापी में ही जब पता लगा कि हमारे बैंक में खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की भी परंपरा है तो मन उत्साह से भर उठा. तय कि... Read more
बर्फबारी के बाद नारायण आश्रम की तस्वीरें
उत्तराखण्ड में उत्तर पूर्वी कुमाऊँ के चौदास क्षेत्र में श्री कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग के प्रारम्भिक पड़ाव, समुद्र तल से 2734 मीटर की ऊंचाई पर देवदार के जंगल के मध्य स्थित यह आश्रम अपने आप... Read more