इंतज़ार : लघु क्षोभ कथा
अंतर देस इ (… शेष कुशल है !) – अरे- अरे देख के ड्राइवर साहब ऊपर पहुँचाओगे क्या…’ लगभग लड़ ही गई थी गाड़ी सामने से आ रही गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली से. ‘ये सब उप... Read more
बीस दिन भी न चल सकी पिथौरागढ़ हवाई सेवा
ढोल और दमुआ की जिस धमक के साथ 17 जनवरी के दिन प्रकाश पन्त ने नैनीसैनी हवाई अड्डे में कदम रखा लगा कि दो दशकों का सपना पूरा हुआ. उड़ान शुरु होने के पहले 23 दिनों में हवाई जहाज छः बार खराब हो गय... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 122
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
उत्तराखण्ड का राज्य वृक्ष बुरांश
बुरांश (Rhododendron Arboreum) को बुरूंश भी कहा जाता है. नेपाल में इसे लाली गुराँस और गुराँस के नाम से जाना जाता है. दरम्याने आकार की मोटी गाढ़ी हरी पत्तियों वाले छोटे पेड़ (Tree Rhododendron)... Read more
कामनापूर्ति मैया कोटगाड़ी भगवती का मंदिर
डीडीहाट और बेरीनाग की वयः संधि पर पूर्वी रामगंगा के तट पर स्थित है थल. थल से एक रास्ता मुवानी होते हुए पिथौरागढ़ जाता है तो दूसरा नाचनी तेजम होते हुए मुनस्यारी की ओर. तीसरी ओर सानी उडियार कां... Read more
उस बार कोसी नदी की घाटी में जब सरसों की पीली फसल को लहलहाते तथा दूर जंगलों में खिलते बुरांश के लाल फूलों को देखा तो गांव की फागुनी होली के विविध दृश्य एक-एक कर मानस पटल पर उभरने लगे. बसन्त प... Read more
कभी किलों-दुर्गों की बहुतायत थी उत्तराखण्ड में
उत्तराखण्ड में कई जगहों के नामों की शुरुआत में गड़, गढ़ी या गढ़ का इस्तेमाल दिखाई देता है. इस शब्द का इस्तेमाल उत्तराखण्ड में मध्यकाल के शासकों के समय से होता आया है. मध्यकाल में उत्तराखण्ड में... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 121
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
‘मैने प्यार किया’ के प्रोड्यूसर बड़जात्या को कौन भूल सकता है. वे निर्देशक सूरज बड़जात्या के पिता थे. बड़जात्या की फिल्मों के बारे मे यह आम राय कायम होकर रह गई कि, वे रामचरितमानस के... Read more
ठैरा और बल से आगे भी बहुत कुछ है कुमाऊनी में
आज अन्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है. कुमाउंनी में मातृभाषा के लिये अगर सबसे उपयुक्त शब्द नज़र में आता है वह है दुदबोली. भारत की तमाम भाषाओं की तरह कुमाउंनी भी अपनी अंतिम सांसे गिन रही है. पहाड़... Read more