वासु चटर्जी की फिल्म: चमेली की शादी
कुछ फिल्में दर्शकों को आज भी बेहद रोमांचित करती हैं. इस तथ्य पर गहनता से विचार करें कि, ऐसा क्यों होता है. क्यों यह फिल्म सोंधी सी लगती है? एक मोहल्ले की कॉमन सी प्रेम-कथा, किन तत्त्वों को ल... Read more
शकुनाखर: मांगलिक अवसरों पर गाये जाने वाले गीत
शकुनाखर (Shakunakhar) उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के कुमाऊँ मंडल में किसी भी शुभ कार्य की शरुआत से पहले गाये जाने वाले गीत हैं. शकुन का अर्थ है शगुन और आखर मतलब अक्षर. इस तरह यह नाम शगुन के मौक... Read more
फिरंगी जुल्म सहने की प्रैक्टिस के लिए जब अल्मोड़े के युवक अपने घावों में नमक भरवाते थे
अल्मोड़े में कांग्रेस का जन्म 1921 में हुआ. इससे पहले जब 1905 में बंग भंग आन्दोलन का प्रारम्भ हुआ, उससे कुछ बच्चों और नवयुवकों के सुकुमार मन में अंग्रेजी राज के प्रति घृणा के भाव उत्पन्न हो... Read more
पिथौरागढ़ का ‘महाराजा के’ पार्क
महाराजा पार्क का नाम वॉर मेमोरियल पार्क महाराजा के पार्क, पिथौरागढ़ में नब्बे के दशक में जन्मे बच्चों की मीठी याद का एक जरुरी हिस्सा हमेशा रहेगा. पिथौरागढ़ शहर से लगभग 4 किमी की दूरी पर बने इस... Read more
काफल ट्री के नियमित सहयोगी चंद्रशेखर तिवारी ने ‘उत्तराखण्ड होली के लोक रंग’ नाम से एक महत्वपूर्ण पुस्तक का सम्पादन किया है. समय साक्ष्य प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का प्रार... Read more
कुमाऊँ का हुड़किया समुदाय
लोकसंस्कृति के पुरोधा हुड़किया उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल में एक उपजाति हुआ करती है. यह राजस्थान की मिरासी जाति की ही तरह एक जाति है. यह उत्तराखण्ड की शिल्पकार (दलित) जाति की ही एक उपजाति (Hud... Read more
जब वो उड़ान भरती है तो डोर कस दी जाती है
एक बार फिर शादी का सीजन आ गया है और उसकी परेशानियाँ एकबार फिर बढ़ गयी हैं. पिछले 5 सालों में उसने अपने व्यावसायिक जीवन में वो कर दिखाया था जो करने में लोगों को 10 बरस लग जाते हैं. लेकिन कुछ म... Read more
बेटियों को जबरन बेटा बनाते हम लोग
महिला अधिकारों के नाम पर रस्म अदायगी का एक दिन और आ कर चला जाएगा 8 मार्च (International Women’s Day) को. साल में 364 दिन पुरुषों के एकाधिकार के और एक दिन महिलाओं के लिये. इस पर भी कथित... Read more
वो स्त्रियोचित हो जाना नहीं था
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) पर हमारे नियमित सहयोगी अमित श्रीवास्तव की यह मर्मभेदी रचना पढ़िए. बराबरी -अमित श्रीवास्तव किसी दिन किसी समय कहीं एंटी एनक्रोचमें... Read more
महिला सुरक्षा, अपराध और महिला उत्थान में है परिवर्तित नजरिए की दरकार: भारतीय समाज की बनावट अनादि काल से सामंतवादी रही है. ऋग्वेद के काल में जब ऋचाओं में अपनी आवश्यकताओं के लिए मनुष्य ने देवत... Read more