आज महावीर जयंती है. महावीर जयंती चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्मदिन के दिन पर मनाई जाती है. महावीर स्वामी का जन्म चैत्र की शुक्ल त्रयोदशी दिन हुआ था. इस तरह इस वर्ष महावीर जयंती 17 अ... Read more
अगर आप रो नहीं सकते तो आपको हंसने का कोई हक़ नहीं
चार्ली चैप्लिन (Charlie Chaplin) के बहाने कुछ फिल्मों के कुछ फ्रेम्स की याद एक फ्रेम है ‘सिटी लाइट्स’ मूवी में जिसमें ट्रैम्प (चार्ली चैप्लिन Charlie Chaplin) उस अंधी लड़की (वर्जी... Read more
चंद्रकुंवर बर्त्वाल की दो कविताएं
गढ़वाल की मंदाकिनी नदी घाटी के मालकोटी गांव में भूपाल सिहं तथा जानकी देवी घर 20 अगस्त 1919 को जन्मे चन्द्रकुंवर बर्त्वाल (Chandrakunwar Bartwal) कुल 28 साल की आयु में दुनिया को विदा कह गए थे.... Read more
भारत में पितृत्व के अधिकार के लिए पहली ऐतिहासिक लड़ाई लड़ने और जीतने वाले रोहित शेखर का आज दिल्ली में अपने निवास स्थान में निधन हो गया. उत्तराखण्ड के कद्दावर नेता नारायण दत्त तिवारी के बेटे रो... Read more
गोविन्द राम काला की दुर्लभ पुस्तक ‘मेमोयर्स ऑफ़ द राज’ बीसवीं शताब्दी के शुरुआती सालों के पहाड़ों के सामाजिक जीवन, भारत के स्वतंत्रता संग्राम और अंग्रेजों की कार्यशैली का जरुरी महत्वपूर्ण दस्त... Read more
पिता द्वारा टट्टी में सनी नेपियां साफ करने से मेरी ममता में कमी तो नहीं आ जाएगी!
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – तीसरी क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: तुम्हारी मां अपनी मां की अनचाही संतान है मैंने तुम्हें बताया था मेरी जान कि तुम्हारी मां अभी तक स्वेच्छा से मां नहीं बनन... Read more
समय के थपेड़े
कहो देबी, कथा कहो – 41 पिछली कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 40 कई बार सोचता था कि समय आखिर कितनी परीक्षा लेगा? लखनऊ में ही तनाव से इतना तंग आ चुका था कि इस्तीफा लिख कर सदा जेब में रखता था, यह सोच... Read more
समुद्र की सतह से 2010 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चौकोड़ी (Chaukori Kumaon Uttarakhand) कुमाऊँ के सुन्दरतम स्थानों में से एक है. यहाँ आकर आपको उस प्राकृतिक सौन्दर्य के बहुत समीप से दर्शन होते हैं... Read more
चार्ली चैप्लिन के दो अनूठे किस्से
आज यानी 16 अप्रैल को चार्ली चैप्लिन (Charlie Chaplin) का 130वां जन्मदिन है. एक अभिनेता और फिल्म निर्माता-निर्देशक की हैसियत से उन्होंने जो कीर्तिमान स्थापित किये उन्हें तोड़ सकना संभवतः किसी... Read more
अथ डोटियाल गाथा उर्फ़ एक अल्मोड़िया तफसील
जीवन के कैनवास पर निर्माण और विध्वंस दो ऐसी थीम हैं जिनके प्रभाव से बचा हुआ कोई भी आज तक मिला नहीं. और मजे की बात कि ये दोनों बिना मजदूर के संभव नहीं हैं. अल्मोड़ा में सामान्यतः मजदूरों के दो... Read more