भारत को विश्वगुरु बनाने की राह पर नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी उन चंद लोगों में हैं जिन्होंने बाल्यकाल से ही भारत को विश्वगुरु बनाने की ठानी है. अपनी शिक्षा के लिये उन्होंने घर छोड़ा और एक ऐसी जादुई डिग्री हासिल कर ली जिसमें वर्ष, विश्वविद्य... Read more
चम्पावत का किला, राजबुंगा, चम्पावत गढ़ी
चम्पावत का किला राजबुंगा, चम्पावत गढ़ी, राजबुड्डा अर्थात राजा की गढ़ी भी कहा जाता है. अंडाकार आकार के किले की प्राचीर की दीवार लगभग 3.50 मीटर मोटी और किले की भौगौलिक स्थिति के अनुसार 4 से लगभग... Read more
उठती है हर निगाह खरीदार की तरह
गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग-5 पिछली कड़ी- लोकतंत्र के पहरुवे जनतंत्र में जनगणमन की पूर्ण प्रतियोगिता से आह्लादित हवायें चलती हैं. पुरबइया. खुली सांस मजबूत इरादे, पूरी आजादी... Read more
काली कुमाऊँ की झलक – जयमित्र सिंह बिष्ट के फोटो
जयमित्र सिंह बिष्ट अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का... Read more
वो दिनभर किराए की साइकिल चलाना और बतौर कप्तान वो फुटबॉल मैच में मेरा अविश्वसनीय गोल
पहाड़ और मेरा जीवन – 33 पिथौरागढ़ से राजस्थान जाने के बाद मैं एक साल वहां रहा. इस एक साल में स्कूल की कोई खास मदद के बिना मैंने आठवीं कक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की, बाकायदा पूरे स्कूल में पा... Read more
मासी का सोमनाथ मेला
सोमनाथ भगवान शंकर का पर्यायवाची नाम है. सोमनाथेश्वर नामक स्थान पर झाड़ियों के बीच एक गुफा के अन्दर शिवलिंग की प्राप्ति हुई थी. तब वहां पर कनोडिया राजपूतों ने एक शिवालय का निर्माण करवाया था.... Read more
लेखकों के सपने
मेरे द्वारा लिखे गये एक लेख के लिये सरकार मुझे गिरफ़्तार कर लेती है. मेरी गिरफ़्तारी से पूरे देश में दंगा भड़क जाता है. युवा सड़क पर उतर आते हैं. मुझे जंजीरों से बांध कर पैदल ले जाया जा रहा है.... Read more
अल्मोड़ा की एक शाम
“दुनिया की हर शहर की शाम को नोटिस किया जाना चाहिए” ऊपर लिखे इन ग्यारह शब्दों में कोई फलसफा नहीं है,जो उसे खोजने की मगज़मारी की जाए,पर इतना जरूर है कि दिनभर की मगजमारी से तंग आदमजा... Read more
अपनी कविता में चंद्रकांत देवताले मां पर एक जगह लिखते हैं – मैंने धरती पर कविता लिखी है चंद्रमा को गिटार में बदला है समुद्र को शेर की तरह आकाश के पिंजरे में खड़ा कर दिया सूरज पर कभी भी... Read more
‘माँ, महान होती है.’ ‘माँ, महान ही होती है.’ हमारी सामाजिक व्यवस्था में ये दोनों वाक्य अधूरे हैं. इसका एक तीसरा और पूरक वाक्य भी है- ‘माँ, को महान ही होना चाहिए... Read more