टिहरी गढ़वाल के श्रीकोट गाँव में शादी समारोह के दौरान सवर्णों द्वारा बेरहमी से पीटे गए युवक की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले का संज्ञान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने लिया और अपन... Read more
यदि आप हाल-फिलहाल उत्तराखण्ड में पर्यटक या ट्रेकर या पर्वतारोही बनकर आये हैं या ऐसा करने की मंशा रखते हैं तो आपको इससे आगे पढ़ने की जरूरत नहीं. यह विसूवियस या सकूराजीमा के ज्वालामुखी का नहीं... Read more
उत्तराखंड में 108 एम्बुलेंस सेवा के 700 से अधिक कर्मचारियों की सेवाओं समाप्त कर दी गयी हैं. कारण यह कि 108 सेवा का ठेका एक नयी कंपनी को मिल गया है. 108 सेवा शुरू हुई थी तो इसको संचालित करने... Read more
जब उत्तराखंड एक पृथक राज्य बना था तो लोगों को उम्मीद थी कि यहां की भौगोलिक स्थिति को देखकर यहां के लिये कानूनों में भी कुछ परिवर्तन किये जायेंगे. आज के दिन एक भी कानून हमारे राज्य में ऐसा नह... Read more
पत्तियों से बनने वाले जिन बर्तनों को हमने छोड़ा, जर्मनी वाले उससे कमा रहे हैं लाखों
पहाड़ों में आज भी शादी ब्याह, जनेऊ, नामकरण, श्राद्ध-भोज आदि में आज भी हमें पत्तियों द्वारा निर्मित कटोरीनुमा एक बर्तन देखने को मिल जाता है. पत्तों से बने इस कटोरीनुमा बर्तन को कहते हैं पुड़ा.... Read more
अस्कोट उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मण्डल के पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट तहसील का एक परगना है. पिथौरागढ़ से अस्कोट की दूरी लगभग 52 किमी है और बागेश्वर से 125 किमी, बेड़ीनाग यहाँ से 61 किमी की दूरी पर है.... Read more
आज के दिन ही घटा था कफल्टा का शर्मनाक हत्याकांड
9 मई 1980 उत्तराखण्ड के इतिहास की सबसे काली तारीखों में से एक है. इस दिन कुमाऊं के कफल्टा (Remembering Kafalta Massacre) नाम के एक छोटे से गाँव में थोथे सवर्ण जातीय दंभ ने पड़ोस के बिरलगाँव क... Read more
अल्मोड़े का हरिया पेले
अल्मोड़ा (Hariya Pele of Almora) से कोई चालीसेक किलोमीटर दूर एक औसत, मझोले आकार का गांवनुमा कस्बा है दन्या. दन्या की दो चीजें प्रसिद्ध हैं. नंबर एक दन्या का पराठा, नंबर दो दन्या के जोशी. इनम... Read more
टिहरी में दलित युवक की हत्या अपवाद नहीं है
उत्तराखण्ड के टिहरी गढ़वाल ज़िले के श्रीकोट गाँव में 26 अप्रैल को एक शादी थी. पास के बासान गाँव से कुछ लोग अपनी रिश्तेदारी के नाते श्रीकोट शादी में शामिल होने के लिए आये. उनमें से एक था 21 साल... Read more
नैनीताल की मिसेज बनर्जी
‘हमारा जैसा बोलेंगा तो हिंदी कैसे बनेगा राष्ट्रभाषा, बोलो?’ ठीक तारीख याद नहीं है, 1978-79 के किसी महीने में एक दिन सुना कि मिसेज रेनू बनर्जी की लगभग छिहत्तर साल की उम्र में मृत्यु हो गई है.... Read more