हमारा भोजन और स्वास्थ्य हैं इस साल के अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम्स
संयुक्त राष्ट्र संघ ने आज यानी 22 मई का दिन अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस यानी इन्टरनेशनल डे फॉर बायोलॉजिकल डाइवरसिटी के रूप में घोषित किया हुआ है (Celebrating International Biodiversity D... Read more
उत्तराखण्ड के चंदवंशीय शासकों ने राज-काज व प्रशासनिक कार्यों में सलाह लेने के लिए समिति बनायी हुई थी. इन समितियों में चार प्रमुख कबीलों/आलों (धडों) के प्रतिनिधि हुआ करते थे. इन समितियों के प... Read more
माँ की इच्छाओं की अकाल मृत्यु
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – सातवीं क़िस्त पिछली क़िस्त का लिंक: ये नरभक्षी सियासत का दौर है मेरे बच्चे, तुम कैसे निबाहोगे? यहां मेरे पड़ोस में एक नई नवेली मां रहती है बहुत खुश, मातृत्व सुख म... Read more
शिकायत करो कि शिकायत करना धर्म है
शिकायत मनुष्य का मौलिक गुण धर्म है. वह जिसे किसी से शिकायत न हो उसके आदमी होने में संदेह की संभावना रहती है (Complaint Culture in Offices). अल्मोड़े में ऐसा न था. यहां शिकायतें उतनी ही विविध... Read more
जिसके हम मामा हैं – शरद जोशी के बहाने
“बाढ़ और अकाल से मुर्गा बच जाए मगर वह हमसे सुरक्षित नहीं रह सकता” कमिश्नर ने कहा और इस मजा पर सब जोर से हंसने लगे. बाहर बाढ़ और अन्दर लंच चल रहा है. भारतीय दर्शक कुछ समय तक मंच पर... Read more
डोई का डोयाट – इस दफा पिंडारी घाटी
दिन – 1 : बागेश्वर से खाती गाँव खबडोली गाँव में रात गुजारने के बाद हम तैयार थे आज खाती गाँव की ओर निकलने के लिए. असल मे एक दिन पहले हम (मैं और रिस्की पाठक) हल्द्वानी से एक बाइक मे 20... Read more
देश का कपाल गृह नक्षत्रों की चाल
गैरीगुरु की पालिटिकल इकानोमी : अथ चुनाव प्रसंग-6 पिछली कड़ी : उठती है हर निगाह खरीदार की तरह स्वस्ति श्री सर्वोपमा योग्य श्री ३ चेले गिरिजा नामधारी गैरीगुरु आशीष पहुंचे. अत्र कुशलम तत्रास्तु.... Read more
गढ़वाल मंडल के चमोली जिले की नीति घाटी में एक गाँव है मलारी. 2001 की जनगणना के मुताबिक मलारी की जनसंख्या 649 थी, इसमें 318 पुरुष और 331 महिलाएं शामिल हैं. गाँव के लोग शीतकालीन प्रवास पर 6 मही... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 34 (पिछली कड़ी:वो दिनभर किराए की साइकिल चलाना और बतौर कप्तान वो फुटबॉल मैच में मेरा अविश्वसनीय गोल) आजकल के माता-पिता अपने बच्चों को कलेजे से लगाकर रखते हैं. उन्हें कुछ भ... Read more
कौसानी के कवि सुमित्रानंदन पंत -जन्मदिन पर विशेष
20 मई 1900 को जन्मे इस सुकुमार कवि के बचपन का नाम गुसांई दत्त था. स्लेटी छतों वाले पहाड़ी घर, आंगन के सामने आड़ू खुबानी के पेड़, पक्षियों का कलरव, सर्पिल पगडण्डियां, बांज, बुरांश व चीड़ के पेड़ों... Read more