जरूर देखी जानी चाहिए यह ऑस्कर विजेता फिल्म
1960 के दशक के शुरुआती सालों तक अमेरिका के दक्षिणी प्रान्तों में रंगभेद जारी था. उत्तरी अमेरिकी प्रान्तों में स्थिति काफी बदल चुकी थी. इसी थीम को लेकर बनी है फिल्म ‘द ग्रीन बुक’ जिसे इस साल... Read more
नारायण सिंह थापा: बन्दूक से कैमरा तक का सफर
जब एन.एस. थापा की पहली डॉक्युमैन्ट्री फिल्म देखी मैं 10-11 साल का था और कैलेन्सी हाईस्कूल मथुरा में कक्षा 6 का छात्र था. गांव लौटने पर फिल्में दूर हो गई. फिर कालेज में आने पर बालीवुड या हाली... Read more
अकल्पनीय अंत हुआ था परवीन बाबी के जीवन का
परवीन बाबी भारत की पहली फ़िल्मी अभिनेत्री थी जिनकी तस्वीर मशहूर पत्रिका ‘टाइम’ ने अपने कवर पर छापी थी. उन्हें सत्तर के दशक की फिल्मों की महारानी कहा जाय तो अतिशयोक्ति न होगी. उन्होंने फिल्मों... Read more
फिल्म दिल्लगी(1978) में सट्ल ह्यूमर (Subtle humour) की श्रेष्ठ बानगी देखने को मिलती है. फिल्मकार ने, मानव- स्वभाव के सूक्ष्म मनोविज्ञान को गहरे से पकड़ा है. ऐसा प्रयोग बासु चटर्जी ही कर सकते... Read more
1930 और 1940 के दशकों में भारतीय फिल्मों की सबसे मशहूर नायिका हुआ करती थीं देविका रानी चौधरी उर्फ़ देविका रानी (30 मार्च 1908 – 9 मार्च 1994). ‘द फर्स्ट लेडी ऑफ़ इन्डियन सिनेमा’ के नाम से मशहू... Read more
पड़ोसन: ऑल टाइम क्लासिक रोमांटिक कॉमेडी
किंवदंतियों के मामले में पड़ोसन (1968) शायद शोले के बाद दूसरे नंबर पर पड़ती होगी. हिंदी सिनेमा के इतिहास में यह फिल्म ऑल टाइम क्लासिक रोमांटिक कॉमेडी (Padosan: All Time Classic Romantic Come... Read more
किशोर कुमार की सदाबहार फिल्म चलती का नाम गाड़ी
हिंदी सिनेमा में सही मायने में अगर क्लासिक फिल्मों की बात की जाय, तो चलती का नाम गाड़ी (Chalti Ka Naam Gaadi) सभी मानदंडों पर खरी उतरती है. कहा तो यह भी जाता है कि, किशोर कुमार ने इस फिल्म क... Read more
वासु चटर्जी की फिल्म: चमेली की शादी
कुछ फिल्में दर्शकों को आज भी बेहद रोमांचित करती हैं. इस तथ्य पर गहनता से विचार करें कि, ऐसा क्यों होता है. क्यों यह फिल्म सोंधी सी लगती है? एक मोहल्ले की कॉमन सी प्रेम-कथा, किन तत्त्वों को ल... Read more
कुंदन शाह निर्देशित और एनएफडीसी निर्मित, यह फिल्म भ्रष्टाचार पर सीधी चोट करती है. सिस्टम, बिजनेसमैन और मीडिया के गठजोड़ पर तीखा व्यंग्य होने के बावजूद, यह फिल्म सरकारी मदद से बन सकी. एनएफडीस... Read more
ऋषिकेश मुखर्जी की कालजयी फिल्म: किसी से न कहना
ऋषिकेश मुखर्जी, दिलचस्प और जीवंत सिनेमा के फन मे माहिर सिनेकार रहे हैं. उनकी फिल्मों में बेहद हल्के-फुल्के अंदाज में सांस्कृतिक विमर्श तो रहता ही था, साथ ही उसमें एक गहरा संदेश भी निहित होता... Read more