वैक्सिनेशन और हथछेड़ू का आतंक
कोणबूड के बाद अगर किसी ने मेरी उम्र के बच्चों को सर्वाधिक आतंकित किया है तो वो हथछेड़ू ही था. बहुत बाद में पता चला कि उसका सरकारी पदनाम वैक्सिनेटर है. बाकायदा स्वास्थ्य विभाग में एक वैक्सिने... Read more
जाति की जड़ता जाये तो उसके जाने का जश्न मनायें
उत्तराखंड के शिल्पकार वर्ग में सामाजिक-शैक्षिक चेतना के अग्रदूत बलदेव सिंह आर्य (12 मई, 1912 से 22 दिसम्बर, 1992) का आज जन्मदिन है. सन् 1930 में 18 वर्ष की किशोरावस्था में निरंकुश बिट्रिश सत... Read more
मेरे दम घुटते देश के पक्ष में एक गवाही
-मनीष आज़ाद 7 अक्टूबर 2020 को दक्षिण दिल्ली में कुत्तों के लिए बने एक शमशान घाट का उद्घाटन करते हुए वहाँ की भाजपा मेयर अनामिका मिथिलेश ने कहा कि अब कुत्तों को भी सम्मान के साथ दफनाया जा सकेग... Read more
अल्मोड़े के नौला गाँव में जन्मे मथुरादत्त मठपाल ने आज सुबह अंतिम साँस ली. मथुरादत्त मठपाल कुमाऊनी के अभिभावकों में एक थे. मथुरा दत्त मठपाल गढ़वाली और कुमाऊनी बोली के संरक्षण के लिये संघर्षरत... Read more
कमला कांड : 1989 में जब हल्द्वानी दहल उठा था
6 सितम्बर 1989 का दिन भी हल्द्वानी में एक दुखद घटना वाला दिन रहा. दरअसल इस घटना के पीछे पुलिस के प्रति आम जनता का छिपा आक्रोश था जो पूरे कुमाऊं अंचल में छा गया पुलिस चौकियों-थानों में आगजनी,... Read more
कोरोना का सत्कार
शीर्षक थोड़ा अटपटा है. धैर्य रखिए, पूरा पढ़ने के बाद समझ में आएगा. ‘अतिथि देवो भव:’ हमारी प्राचीन भारतीय परम्परा का सूत्र-वाक्य है. बचपन से हम सुनते आ रहे हैं कि अतिथि को ईश्वर का स्वरूप मान... Read more
मानव सभ्यता की बसावट के साथ ही अल्मोड़ा का अपना पृथक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व रहा है. लाखू उडियार, फलसीमा, कसार देवी जैसे शहर के निकट के ही के प्रागैतिहासिक स्थल मानव सभ्यता की... Read more
किसी भाषा को कैसे बचाया जा सकता है? यह एक ऐसा सवाल है जिसके बड़े लम्बे चौड़े उत्तर दिये सकते हैं, कविता की जा सकती है. गोष्ठी की जा सकती है. सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जा सकते हैं, उसके व्याक... Read more
केदारखंड के तल्ला नागपुर पट्टी के कान्दी गांव में प्राचीन भगवान कौलाजीत का मंदिर है. कौलाजीत एक प्राचीन ऋषि थे. इस मंदिर की प्राचीन काल से मान्यता है कि यहां सर्प दंश पीड़ित को कुछ समय के लि... Read more
पहली बार कुमाऊं शब्द का प्रयोग इतिहासकार अब्दुल्ला के ग्रंथ तारीखे-दाऊदी में मिलता है
उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल को पहले कूर्मांचल नाम से जाना जाता था. इस भूभाग का कुर्मांचल नाम चम्पावत के नाग मंदिर के अभिलेखों में मिलता है. चम्पावत के नागमंदिर में राजा कल्याणचंद के काल के शिल... Read more