आज सरकार, समाज सभी हरेला को केवल पर्यावरण से जोड़ने की जुगत में लगे हैं. इसमें सभी के अपने फायदे हैं. हरेला पर्व को केवल पर्यावरण के साथ जोड़ने का एक गंभीर परिणाम यह होगा कि हरेला कुछ वर्षों म... Read more
रैमजे ने शुरु कराई कुमाऊं में आलू की खेती
आलू-पालक, आलू-जीरा, आलू-टमाटर, आलू-मटर, दमा आलू और भी अनेकों ऐसी सब्ज़ियां हैं जो बिना आलू के अधूरी हैं. आज आलू के बगैर हम अपने किसी खाने की कल्पना नहीं कर सकते. अगर दुनिया में आलू ना होता त... Read more
कहते हैं बुज़ुर्गों की डांट-फटकार बच्चों के लिए जीवन का सबब होती थी.मां की डांट को बच्चे नज़रअंदाज़ कर जाते थे लेकिन आमा-बूबू की डांट सुनते ही सन्न रह जाते थे. समय काफ़ी बदल चुका है. अब न तो... Read more
बरसों पहले कोकूकोट में कोकू रावत नाम का एक राजा हुआ करता था. राजा कोकू की सात रानियां थी लेकिन कोई पुत्र न था. इसलिए राजा ने एक और विवाह कुंजावती नाम की अद्वितीय सुंदर लड़की से किया. कोकू रा... Read more
पौड़ी का कण्डोलिया ठाकुर मंदिर
माना जाता है कि चंद साम्राज्य की राजधानी चम्पावत से डुंगरियाल-नेगी जातियों से सम्बन्ध रखने वाले कुछ परिवार अपना मूल स्थान छोड़ कर पौड़ी में आ कर बसे थे. जैसी कि परम्परा थी इस तरह स्थान बदलने व... Read more
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील में अवस्थित सीमान्त व्यांस घाटी के पहले गाँव बूदी से गर्ब्यांग तक की दूरी कुल 9 किलोमीटर है. पिछले कोई पचास साल से इस गाँव को ‘धंसता हुआ गाँव’ की... Read more
इस साल काफी मेहनत के बाद लौकी व कद्दू की बेल अच्छी हुई है. लौकी में बालमृत्यु दर बहुत ज्यादा है. मैंने किसी तरह की रसायनिक खाद व कीटनाशक दवा का प्रयोग नहीं किया. बड़ी मुश्किल से एक लौकी लगी.... Read more
हुसैनगंज में तो रक्षाबंधन की भनक लग जाती थी क्योंकि जून महीने से ही रेब्दा ताऊजी की तकली नाचने लगती. घर आते ही वे झोले से तकली बाहर निकालते और सूत को पूनी से जोड़ते हुए जांघ पर रगड़कर छोड़ द... Read more
देवीधूरा: आस्था की चट्टानें और सच्चाई के प्रहार
कौतूहल, कुछ देख कर उसके बारे में बहुत कुछ, सब कुछ जानने की कोशिश करना संभवतः मनुष्य का जन्म-जात स्वाभाव है. हमारी शोध की प्रवृत्ति, तकनीक, वैज्ञानिक सोच इत्यादि ने हमारे चारों ओर फैली अनगिनत... Read more
कुमाऊं में पारम्परिक विवाह प्रथा
पुरातन काल से ही भारतीय हिन्दू समाज में विवाह को जीवन का एक महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है. विवाह स्त्री – पुरुष का मिलन मात्र नहीं अपितु एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था है जहां से मानव वंश को आगे ब... Read more