मशहूर इतिहासकार व लेखक राम चन्द्र गुहा ने कल यानी 28 जुलाई को ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ में छपे अपने एक लेख में पहाड़ के मशहूर फोटोग्राफर और यात्री स्व. कमल जोशी को बहुत मोहब्बत से याद किया है. उ... Read more
पहाड़ में सामूहिक प्रयासों से पड़ता है लेंटर
उत्तराखंड़ के गांवों की एकता, प्रेमचंद के उपन्यासों मे वर्णित भाइचारे की सच्ची झलक दिखलाती है. सांझा चूल्हा हो या शादी बारात, किसी के घर मे कोई पैदा हो या मरे गांव के सारे लोग सा... Read more
जिस ज़माने में मेरे साथ के अन्य बच्चे गुल्ली डंडा खेलते थे उस ज़माने में मैंने स्नूकर खेलना सीख लिया था यह कहना है मुक्तेश्वर निवासी 95 वर्षीय बुजुर्ग कमलापति पाण्डेय का जो बचपन से स्नूकर के... Read more
वर्ष 1930. नैनीताल में विमला देवी, जानकी देवी साह, शकुन्तला देवी (मूसी), भागीरथी देवी, पद्मा देवी जोशी तथा सावित्री देवी स्वाधीनता आन्दोलन में बहुत सक्रिय थीं. यही साल था जब विमला देवी ने ‘ब... Read more
पिथौरागढ़ के वड्डा बाज़ार में सौन स्वीट्स के बहाने एक मेहनतकश पहाड़ी की कहानी
पिथौरागढ़ से झूलाघाट जाने वाली सड़क पर एक छोटा सा क़स्बा है वड्डा. वड्डा आस-पास के पचासों गांवों का एक पुराना बाजार है. 1972-73 के आस-पास तक झुलाघाट को जाने वाली सड़क पुरानी वड्डा बाज़ार से होकर... Read more
कुछ समय पहले हमने एक ख़बर दी थी कि पौड़ी जिले के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की पहल पर पहली से पांचवीं क्लास तक के बच्चों के लिये विशेषज्ञों द्वारा गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. पौड़ी... Read more
एक जमाने में डाकुओं का गढ़ था भाबर
बदरीदत्त पाण्डे ने ‘कुमाऊँ का इतिहास’ में ऐतिहासिक सामग्री के आधार पर बयान किया है कि पहाड़ में जो गंभीर अपराधी थे, उन्हें भाबर भेज दिया जाता था ताकि वे यहाँ की अस्वास्थ्यकर जलवाय... Read more
कत्यूर: उत्तराखण्ड का सबसे वैभवशाली साम्राज्य
उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल के जिला बागेश्वर में गोमती और सरयू नदी के बीच फैली घाटी को कत्यूर घाटी के नाम से जाना जाता है. यह घाटी 142 वर्ग किमी के इलाके को खुद में समेटती है, इसमें 189 गाँव श... Read more
जब उत्तराखंड आंदोलन के दौरान खटीमा गोलीकांड हुआ तब पुलिस ने अपनी कारवाई को ज़ायज ठहराया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने तर्क दिया था कि जुलुस में शामिल महिलाओं के पास हथियार थे. जिस हथियार के नाम प... Read more
दंडेश्वर महादेव मंदिर अल्मोड़ा
उत्तराखंड का एक नाम देवभूमि भी है. अगर हम प्राचीन काल की कथाओं में देखें तो शायद ही कोई कथा हो जिसके तार यहां से नहीं जुड़ते हैं. ऐसा ही एक मंदिर है जागेश्वर का जिसे दंडेश्वरमहादेव के नाम से... Read more