नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने जीते जी नेत्रदान की इच्छा जाहिर की थी. मृत्यु के बाद उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए दोनों आंखें दा... Read more
सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं. उनका एक परिचय यह भी है कि वह सर्वोदय सेवक स्वर्गीय मानसिंह रावत की पत्नी थी. उनका जीवन केवल एक पत्नी एक मां के रूप में ही नहीं बल्कि समाज के प्रति उ... Read more
प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
आज विज्ञान और तकनीक की मदद से स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नित नए आयाम जुड़ रहे हैं. पिछले एक दशक में ही स्वास्थ्य सुविधाओं में आशातीत उन्नति हुई है. भले ही पहाड़ आज भी उस सुविधाओं क... Read more
‘गिर्दा’ की जीवन कहानी
‘गिर्दा’ की पूरी जीवन कहानी यायावरी की है. हवलबाग के पास कोसी नदी के करीब ज्योली गांव में माता श्रीमती जीवन्ती तिवाड़ी और पिता हंसा दत्त तिवाड़ी के घर 10 सितम्बर, 1945 को उनका जन्म हुआ. पांच... Read more
लिविंग लेजेन्ड नरेन्द्र सिंह नेगी का जन्मदिन है आज
नरेंद्र सिंह नेगी के सृजन में हिमालय की अनुगूंज प्रतिध्वनित होती है. उन्होंने पारंपरिक पटबंध शैली से अलग, संपूर्ण सार्थकता, स्वतंत्र अस्तित्व लिए गीतों का सृजन किया. उनके गीत-दर्शन में... Read more
कमल जोशी की फोटोग्राफी में बसता पहाड़
स्वतंत्र फोटोग्राफर पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट स्व. कमल जोशी की फोटोग्राफी में पहाड़ का जीवन, दर्द वहां की परंपराएं और पहाड़ में हो रहे बदलावों की झलक दिखती थी. उनकी पहाड़ और हिमालय की यात्र... Read more
1955 भारत और सोवियत संघ के बीच गर्मजोशी के रिश्तों का बरस था. भारत के दौरे पर सोवियत रूस के दो बड़े नेता आये और भारत और सोवियत रूस के बीच संबंधों का एक नया अध्याय लिखा जाना था. रूस से आये दो... Read more
सोमवारी महाराज की सम्पूर्ण जीवन-गाथा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree पूज्य सोमवारी महाराज का प्रादुर्भाव उन्नीसवीं सदी के अन्त में कूर्मांचल में हुआ तथा बीसवीं सदी के दूसरे दशक तक वे घर-घर प्र... Read more
उत्तराखंड की सबसे दानवीर महिला की कहानी
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree कुमाऊं के दो पुराने अश्व मार्ग काठगोदाम-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ और टनकपुर-चम्पावत-पिथौरागढ़ साठ के दशक तक आम लोगों द्वारा खूब प्... Read more
कुणाल तुम आजाद ही हुए : श्रद्धांजलि
वैसे तो कुनकुन (कुणाल तिवारी) से मेरा परिचय बचपन से ही रहा पर याराना माउंटेन राइडर्स साइक्लिंग ग्रुप बनने के बाद और भी पक्का हो गया. अपने स्मृति पटल को उकरते हुए याद आती है बचपन के दिनों की... Read more