रामलीला मंचन के शुरुआती वर्षों में प्रकाश व्यवस्था के लिये चीड़ के पेड़ के छिल्कों का प्रयोग किया जाता था. कच्चे पतले पेड़ों को काटकर रामलीला मंच के चारों ओर गाड़ दिया जाता और छिल्कों के गुच्छों... Read more
गणानाथ मन्दिर की अलौकिक विष्णु प्रतिमा
अल्मोड़ा से कोई 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गणानाथ का मंदिर मूलतः शिव का मंदिर है. समुद्रतट से 2116 मीटर की ऊंचाई पर एक एकांत स्थल पर सतराली के समीप तल्ला स्यूनरा में मौजूद यह शिव-मंदिर लम्... Read more
एक त्रिशूल की आंखिन देखी
मैं, अर्थात गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर के प्रांगण में स्थित त्रिशूल, आँखिन देखी अपनी कथा सुनाकर जी हल्का करना चाहता हूँ. त्रिशूल का देखा हुआ अर्थात त्रिशूलन देखी. (Tragedy of Trishul Temple G... Read more
यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक संपदा सूची में शामिल कुमाऊनी रामलीला का इतिहास
कुमाऊं अंचल में रामलीला के मंचन की परंपरा का इतिहास लगभग 160 वर्षों से भी अधिक पुराना है. यहाँ की रामलीला मुख्यतः रामचरित मानस पर आधारित है जिसे गीत एवं नाट्य शैली में प्रस्तुत किया जाता है.... Read more
आज है पिथौरागढ़ में चौपखिया मेला
पिथौरागढ़ मुख्यालय से आठ किमी की दूरी पर वड्डा बाज़ार स्थित है. करीब चालीस से पचास गावों के लिये वड्डा बाजार एक मुख्य बाज़ार का काम करती है. वड्डा बाज़ार से करीब दो-एक किमी की दूरी पर चौमू देवता... Read more
कुमाऊं अंचल में प्रचलित रामलीला गीत-नाट्य शैली में प्रस्तुत की जाती है. इसमें शास्त्रीयता का पुट मिलता है. कहा जाता है कि रामलीला प्रदर्शन की परंपरा ब्रज से होते हुए कुमाऊं तक पहुंची. रामलील... Read more
च्यूं मुसि च्यूं – पहाड़ के बच्चों के खेल गीत
रुद्रपुर में रहने वाले हेम पन्त की रचनाएं काफल ट्री के पाठकों के लिए अपरिचित नहीं हैं. (Children’s Play Songs of Uttarakhand State) हाल ही में हेम ने उत्तराखंड में प्रचलित लोरियों, बच्... Read more
उत्तराखंड की लोरियां
रुद्रपुर में रहने वाले हेम पन्त की रचनाएं काफल ट्री के पाठकों के लिए अपरिचित नहीं हैं. (Lullabies of Uttarakhand State) हाल ही में हेम ने उत्तराखंड में प्रचलित लोरियों, बच्चों के क्रीड़ागीतों... Read more
उत्तराखंड के सबसे बड़े तीर्थों में गिने जाने वाले केदारनाथ धाम का महात्म्य दुनिया भर में विख्यात है. उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली चार धाम यात्रा का सबसे बड़ा पड़ाव माना जाने वाला... Read more
कौन है पहाड़ों की नन्दा देवी
शिव के साथ-साथ शक्ति की उपासना भी अति प्राचीन काल से होती आई है बल्कि यह कहना अधिक उचित होगा कि उत्तराखंड के जनमानस में शक्ति महत्त्व शिव से भी अधिक है. वह भिन्न-भिन्न नामों से भिन्न-भिन्न र... Read more