1852 में केदारनाथ
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree हमने जिस किनारे पर हमने अपना तंबू लगाया था उसकी गर्जनशील धारा ने हमारी रात को बेचैन कर दिया. हमने सुबह आठ बजे नाश्ता किया औ... Read more
-संजय रावत बीस गाँव भूमि मामले को लेकर भूमि बचाओ आन्दोलन, सत्याग्रह और अनिश्चितकालीन धरना एक अगस्त से तहसील परिसर बाजपुर में चल रहा है. मामला उस जमीन का है जिसे 1970 में किसानों को वर्ग-1-क... Read more
पलायन : किसी के लिए वरदान, किसी के लिए श्राप
पलायन पर्वतीय क्षेत्रों के लिए गंभीर समस्या के रूप में उभर रही है. उत्तराखंड में रोज़गार की कमी, राज्य में पलायन का सबसे बड़ा कारण आंका गया है. जिसके कारण बड़ी संख्या में युवा राज्य से बाहर... Read more
सम्पूर्ण हल्द्वानी खास की भूमि नजूल है?
उत्तराखंड के नैनीताल जिले की हल्द्वानी तहसील के बनभूलपुरा क्षेत्र की अधिकाँश आबादी इन दिनों सड़कों पर है. सर्दी के इस मौसम में अचानक यह क्षेत्र देश- दुनिया के स्तर पर चर्चा का केंद्र बनता जा... Read more
पिथौरागढ़ में फुटबाल का स्वर्णिम इतिहास
पिथौरागढ़ में वर्ष भर फुटबॉल खेली जाती थी. लेकिन दूर्नामेंट का आयोजन देवसिंह मैदान में ही होता और खेल का सीजन मध्य जुलाई से सितम्बर अंत तक रहता. देवसिंह मालदार ट्रॉफी, जनरल करियप्पा सील्ड, म... Read more
पर्वतीय क्षेत्रों में राजस्व पुलिस की व्यवस्था ख़त्म करने को उत्तराखण्ड सरकार तैयार
आखिर उत्तराखण्ड सरकार राज्य में राजस्व पुलिस की व्यवस्था समाप्त करने को राजी हो ही गयी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैबिनेट की बैठक का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि वह उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के 20... Read more
वेशभूषा से किसी भी इलाके के स्थानीय निवासियों की पहचान होती है. ये वेशभूषाएं पारंपरिक तौर पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी पहनी जाती हैं. ये पारंपरिक परिधान औए वेशभूषाएं कैसी होंगी यह कई बातों से तय होता ह... Read more
उत्तराखण्ड के शौका
देवभूमि उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला एवं मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में रहने वाली जनजाति (मूलनिवासी) अपने क्षेत्र की अन्य जातियों द्वारा शौका नाम से जाने जाते हैं. माना जाता ह... Read more
पहाड़ों में गर्मियों के दिन और बच्चे
गर्मियों के दिनों में जब हम स्कूल की छुट्टी के बाद घर पहुंचते थे ईजा, बाज्यू, जेठजा सब लोग सिन्तोला की गाड़ में भीमल का लोत यानी रेशा निकालने गए होते थे. खाना बनाने के गोठ में चूल्हे में कोय... Read more
असौज का नाम आते ही पहाड़ में बुतकार लोगों की बाजुएं फड़कने लगती हैं और कामचोरों की सास मर जाती है. पहाड़ में कृषि का कार्य मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है इसलिए सबसे ज्यादा आफत महिल... Read more