हल्द्वानी के कुछ पुराने परिवार
[पिछली क़िस्त: लॉर्ड हार्डिंग ने बनवाया था काठगोदाम का वह बेजोड़ गौला पुल] हरिदत्त जोशी अपने परिवार की परंपरा को बनाये रखते हुए समाजसेवा में भी अग्रणी रहे. वह आर्य समाजी थे. राम मंदिर की धर्मश... Read more
1 दिसंबर 1924 को राजस्थान में पैदा हुए मेजर शैतान सिंह भाटी ने स्नातक की डिग्री लेने के बाद जोधपुर राज्य की सेना में नौकरी शुरू की थी लेकिन जोधपुर रियासत के भारत में विलय के बाद उनका तबादला... Read more
आचार्य नरेन्द्र देव जिन्हें अपना संस्कार-पिता मानते थे नैनीताल के प्रताप भैया
आचार्य नरेन्द्र देव की 130 वीं जयन्ती पर विशेष : आचार्य नरेन्द्र देव का बहुमुखी व्यक्तित्व ही ऐसा था कि उन्हें किसी दायरे में रखकर समेटना संभव नहीं. वे एक समाजवादी चिन्तक होने के साथ-साथ, प्... Read more
[पिछली क़िस्त: 24 अप्रैल 1884 को सबसे पहले रेल पहुंची थी काठगोदाम में] काठगोदाम में गौला नदी पर सन 1913-14 में लार्ड हार्डिंग ने 350 फीट लंबा बहुत आकर्षक धनुषाकार पुल बनवाया. जिसमें नीचे से... Read more
[पिछली क़िस्त: 1888 में अंग्रेजी मिडिल स्कूल की तरह शुरू हुआ था हल्द्वानी का एम. बी. कॉलेज] लकड़ी का कारोबार यहाँ बहुतायत में होता था तथा काठगोदाम में काठबांस की चौकी थी. पहाड़ों से गौला में ‘... Read more
1939 में बनी थी कुमाऊं की लाइफलाइन केमू
कुमाऊँ में मोटर यातायात की शुरूआत सर्वप्रथम 1915 में नैनीताल-काठगोदाम के बीच हुई. इसके पश्चात 1920 में काठगोदाम- अल्मोड़ा के मध्य मोटर यातायात शुरू हुआ. (KMOU Established in 1939) सन् 1920 म... Read more
1888 में अंग्रेजी मिडिल स्कूल की तरह शुरू हुआ था हल्द्वानी का एम. बी. कॉलेज
[पिछली क़िस्त: 1901 में बाबू रामप्रसाद मुख्तार ने बनवाया था हल्द्वानी का आर्य समाज भवन] आज जिस एम. बी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 10 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययन करते हैं, लाला बाबू... Read more
आजकल पहाड़ों में ही नहीं देश-विदेश में “फ्वां बाघा रे” गीत की बहुत चर्चा है. यह गीत इतिहास की एक असली कथा पर आधारित है. यह कथा एक ऐसे खूंखार बाघ की है जिसने आज से कोई सौ बरस पहले पिछली... Read more
जब से हमने होश संभाला, कुमांऊनी का गाना – ‘चैकोटकि पारबती तीलै धारू बोला बली, तीलै धारू बोला’ अथवा ‘ओ लाली हो लाली हौंसिंया, बसन्ती लाली तीलै धारू बोला’ जैसे गीत सुनते आये हैं. अब तो रोचक बन... Read more
[पिछ्ला भाग: हल्द्वानी का प्राचीन मंदिर जिसकी संपत्ति का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा गया] सन 1901 में बाबू रामप्रसाद मुख्तार ने आर्य समाज भवन बनवाया तथा संवत 1985 में श्रीमती त्रिवेणी देवी ने... Read more