जब राष्ट्रीय स्तर के नेता भी हल्द्वानी में बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के भाषण देते थे
आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान देने वालों और बाद में क्षेत्र का नेतृत्व करने वालों के सम्बंध में कुछ खरी-खरी कहना उनके सम्मान में कमी लाना नहीं है. बल्कि यह बताना है कि राजनीति में यह स... Read more
बात स्वराज आश्रम से चल कर आजादी के दीवानों की हो रही थी. इसी क्रम में वर्तमान राजनीति पर चर्चा कर लेना भी गलत न होगा. हल्द्वानी शहर आजादी की लड़ाई के समय से ही कुमाऊॅ मंडल की रानजीति का अखाड... Read more
आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या न हो पर जिन्हें कोई नहीं जानता था वह ऊंची सीढ़ियां चढ़ गए लेकिन जो आजादी के लिए दीवानगी की हद तक पार कर गए उनकी स्मृतियां तक मिट गई हैं. हल्द्वानी का स्वराज आश्... Read more
धारचूला में पहले टेलीफोन की पचास साल पुरानी याद
धारचूला में टेलीफोन का पदार्पण 1961 में तहसील बनने के बाद ही हुआ होगा क्योंकि उससे पहले उसके आने की संभावना कम ही थी. वह भी पुराने पोस्ट ऑफिस पर ही उपलब्ध रहा था. (First Telephone in Dharchu... Read more
जब पहाड़ों में मां रोते हुए बच्चे से कहती थी चुप जा नहीं तो ‘हुणियां’ आ जायेगा
छुटपन में बच्चे जब किसी चीज के लिए जिद करते तो डराया जाता – चुप जा, नहीं तो ‘हुणियां’ आ जायेगा. आज की पीढ़ी भले ही हुणियों और उनके खौफ से वाकिफ न हों, लेकिन 60-70 साल पूर्व तक हु... Read more
हल्द्वानी को व्यापार केंद्र बनाने के लिए हेनरी रैमजे ने काशीपुर से व्यवसायियों को बुलाया
कालाढूंगी चौराहे पर एक पेड़ के नीचे कालू सैयद या कालू सिद्ध बाबा के नाम पर लोग गुड़ चढ़ाते हैं. कहते हैं पहले यहां मुस्लिम भी मन्नतें मनाने आया करते थे, लेकिन जब से यहां घंटे, घड़ियाल बजने लग... Read more
भाबर क्षेत्र में सहकारिता के जनक के रूप में जाने जाते हैं हीरा बल्लभ पांडे
आज का नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड जिस शान से खड़ा है और अपने कारोबार के डंके बजा रहा है उसकी शुरुआत हीरा बल्लभ पांडे जी द्वारा की गई थी. स्वर्गीय हीरा बल्लभ पांडे भाबर क्षेत्र... Read more
जो काम राज्य सरकार आज करने को कह रही है, अमर सिंह रावत उसे नब्बे साल पहले कर चुके थे
[फेसबुक में उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री के साथ मंत्रीजनों को कंडाली/सिसोंण से बनाई ‘फतकी’ पहने मधुर मुस्कराती फोटो देखी तो मन में आया इस संदर्भ में यह भी बयान कर दूं –... Read more
शाहजहाँ के राज्याभिषेक का समय था भारत के बड़े-बड़े राजा उसके दरबार में नतमस्तक होने गए थे लेकिन गढ़वाल के स्वाभिमानी राजा महीपतिशाह राज्याभिषेक में सम्मिलित न हुए. शाहजहाँ तभी से महीपतिशाह के प... Read more
कत्यूरी राजवंश ने उत्तराखण्ड पर लगभग तीन शताब्दियों तक एकछत्र राज किया. कत्यूरी राजवंश की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसने अजेय मानी जाने वाली मगध की विजयवाहिनी को घुटने टेक... Read more