सिद्धबली मंदिर की कहानी
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में कोटद्वार के पास एक नदी बहती है खोह. खोह के विषय में मान्यता है कि यह वही कौमुदी नद... Read more
कुमाऊं में वह जगह जहां कुंभकर्ण का सिर रखा गया
वर्तमान चम्पावत क्षेत्र चंद शासन काल में काली कुमाऊं नाम से जाना जाता था. गोरखा और चंद काल में इसमें खिल पित्तीफाट, गुमदेश, गंगोल, चालसी, चाराल, पाल-बिनौल, फड़का-बिसज्यूला, बिसुंग, सिप्टी, स... Read more
पहाड़ ठंडो पानी, सुण कति मीठी वाणी
पिछले दो दशक में कुमाऊं में होने वाली मंचीय प्रस्तुत में गाया जाने वाला एक है – पहाड़ ठंडो पानी. स्कूल कालेज के मंच हों या राजनीतिक सामजिक मंच इस गीत को अनेक कलाकार गा चुके हैं. इस गीत को लि... Read more
कुमाऊनी लोक कथा : खाचड़ी
एक भै लाट. एक बखत उ आपण सैंणी कैं बुलूण हैं सौरास हैं बटी रौछ्यू. जाण बखत वीलि इज छैं पूछ — इजौ मै सौरास जाबेर के खून? इजलि कै तू खीचड़ी भलि माननेर भये खीचड़ी खाये. लाटलि कै — पैं मैं खीचड़ी... Read more
सुनें घुघुतिया का गीत
यूट्यूब चैनल ‘केदारनाद’ कुमाऊँ के लोक पर्व उत्तरायणी के मौके पर लाया है एक बेहतरीन लोकगीत. गीत के बोल हैं ‘ओ काले कौआ.’ गौरतलब है कि कुमाऊनी लोकसंगीत को रिक्रिएट करने... Read more
पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच का इतिहास
हल्द्वानी शहर में विभिन्न सांस्कृतिक टोलियों के साथ बागेश्वर, सालम, जागेश्वर आदि स्थानों से पारम्परिक वाद्ययन्त्रों के साथ कलाकारों को आमंत्रित किया गया. एक बात यहां ध्यान देने की यह भी है क... Read more
हल्द्वानी में नाट्य प्रस्तुतियों ने बाँधा समां
सर्द मौसम में ‘इंस्पिरेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल,’ काठगोदाम के हॉल के माहौल में तपिश का अहसास था. इस गर्मी की वजह थी वे नाट्य प्रस्तुतियां जिन्हें नन्हे और युवा कलाकार अंजाम दे रहे थे. कलाकार... Read more
7वीं तक पढ़े ढोल वादक सोहन लाल को डी.लिट की उपाधि
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड के प्रसिद्ध ढोल वादक सोहन लाल को डॉक्टर ऑफ लेटर्स (डी.लिट) की उपाधि से नवाजा. ढोल वादक सोहन लाल के संगीत की थाप देश ही नहीं विद... Read more
आजकल मनाया जा रहा है मंगसीर बग्वाल
दीपावली के ठीक एक माह बाद जो दीपावली आती है उसका नाम है मंगसीर बग्वाल. इसे उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र में सम्पूर्ण जनपद उत्तरकाशी, रवाईं जौनपुर, देहरादून जौनसार क्षेत्र टिहरी के थाती, कठू... Read more
कुमाऊनी भाषा में एक लोकप्रिय लोककथा
भौत पैलिये बात छु. एक गौं में एक बुड़ और एक बुड़ी रौंछी. उ द्वियनै में हइ-निहई कजी लागिये रोनेर भै. नानतिन उनर क्वे छी नै. एक चेलि छी वीक ले भौत पैली ब्या है गोछी.(Folklore in Kumaoni Langua... Read more