तिदांग गाँव के रंचिम ह्या की कहानी
सबसे पहले तिदांग ग्राम में रंचिम ह्या रहते थे. वे एक शक्तिशाली, पराक्रमी, प्रभावशाली व धनुर्धर महापुरुष थे. उनके एक अति सुन्दर हष्ट-पुष्ट एकलौता पुत्र था जिन्हें मंगला ह्या के नाम से जाना जा... Read more
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल में चैत्र नवरात्र में मनाया जाने वाला त्यौहार है चैतोल. मुख्यतः पिथौरागढ़, चम्पावत जिलों के विभिन्न हिस्सों में मनाये जाने वाले इस त्यौहार के स्वरूप में स्थान के अनु... Read more
गबला देव: हिमालय की सौका जनजाति के आराध्यदेव
हिमालय के सौका आदिवासियों के अराध्यदेव.. जै हया दंतो गबला सै-जय हय दंत गर्बीला देव.. —डूंगर सिंह ढ़करियाल ‘हिमरज’ हिन्दू पुराण के अनुसार हिमालय धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष का दाता है. हिमालय स्वयं ना... Read more
पार्वती की ख़ुशी है फुल्यारी की संग्रांद
हे! बीरा फूफू, हे! बीरा फूफू, हे! बैरी (बहरी,) हे! सुनती है कि नहीं, मैं अपनी छज्जा के किनारे तब तक धै (आवाज) लगाती रही, जब तक ऊपर वाले खोले से ऊऊऊ नहीं सुनाई दिया. झट यहाँ आ बहुत जरूरी काम... Read more
Seven Horses in a Forest
हिंदी में पढ़िये – हिमालयी लोककथा: सात सुन्दर घोड़े Thousand of years ago in Tibet, an ancient religion thrived around the mountain known to some as Kang Tise and to others as Kailas or... Read more
हिमालयी लोककथा: सात सुन्दर घोड़े
Read in English:Seven Horses in a Forest हजारों वर्षां पहले तिब्बत में पर्वत के चारों ओर, जिसे कुछ तिब्बती लोग, कांग तिसे और दूसरे कैलास या कांग रिपोचे के नाम से जानते थे, एक प्राचीन धर्म ते... Read more
स्याल्दे बिखौती मेला आज से शुरू
पाली पछाऊँ की सांस्कृतिक विरासत उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति की धरोहर द्वाराहाट का स्याल्दे बिखौती का मेला पाली पछाऊँ में आयोजित होता है. चैत्र मास की अन्तिम रात्रि ‘विषुवत्’ संक्रान्ति की रात... Read more
कोट भ्रामरी मंदिर और नंदा देवी
कोट भ्रामरी अथवा कोट की माई उत्तराखण्ड के कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जनपद में प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर समूह से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर एक ऊंची पहाड़ी पर अवस्थित है. कोट की माई अथवा भ्रामरी देवी... Read more
अल्मोड़े के नन्दा देवी मंदिर से छेड़छाड़ करने पर अंधा होता होता बचा था अंग्रेज कमिश्नर
अल्मोड़ा के नन्दा देवी मंदिर को लेकर कुमाऊनी के आदि कवि गुमानी पन्त ने एक जगह लिखा है: विष्णु का देवाल उखाड़ा ऊपर बंगला बना खरा महाराज का महल ढवाया बेढ़ीखाना तहां धरा मल्ले महल उड़ाई नंदा बंग... Read more
बीती नौ अप्रैल को महापंडित राहुल सांकृत्यायन का एक सौ पच्चीसवां जन्मदिन मनाया गया था. इस मौके को याद रखते हुए हम आपको उनकी लिखी कुछ चुनी हुई रचनाओं से परिचित करवाने जा रहे हैं. इस क्रम में आ... Read more