चांचड़ी: उत्तराखंडी लोकसंस्कृति की रीढ़
मनुष्य का समभाव होना बुद्धत्व को प्राप्त कर लेना है. निर्वाण प्राप्त करना है, जिसमें जाति-धर्म, ऊंच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा, महिला-पुरुष छोटा-बड़ा सवर्ण-दलित कुछ नहीं रहता, मात्र मनुष्य होना हो जा... Read more
हिलजात्रा: ग्रामीण कृषक समाज की जीवंत झांकी
जेठ-आषाढ़ की तप्त गर्मी और हाड़ तोड़ देने वाली धान की रोपाई के बाद सावन के घुमड़ते मेघ पहाड़ों के जीवन को कुछ पल के लिए शिथिल कर देते हैं. इन परसुकुन के पलों में जब प्रकृति भी अपना श्रृंगार... Read more
झोड़ा : प्रेम और श्रृंगार से भरा नृत्यगान
अल्मोड़ा-रानीखेत-सोमेश्वर-द्वाराहाट क्षेत्र में झोड़ा एक लोकप्रिय नृत्यगान शैली है. झोड़ा चांचरी का ही परवर्ती रूप लगता है. झोड़ा हिंदी के जोड़ या जोड़ा शब्द से मिलकर बना है. नेपाली में झोड़ा के लि... Read more
स्याल्दे बिखौती मेला आज से शुरू
पाली पछाऊँ की सांस्कृतिक विरासत उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति की धरोहर द्वाराहाट का स्याल्दे बिखौती का मेला पाली पछाऊँ में आयोजित होता है. चैत्र मास की अन्तिम रात्रि ‘विषुवत्’ संक्रान्ति की रात... Read more
चीर बंधन के साथ होती है खड़ी होली की शुरुआत
कुमाऊनी होली में है ब्रज का प्रभाव कुमाऊँ में अधिकतर त्यौहार मौसम चक्र के बदलने या फिर फसलों को बोने या फिर उन्हें काटने के बाद ही मनाये जाते रहे हैं. इस तरह हमारे त्यौहार हमें जीवन चक्र की... Read more
‘उत्तराखण्ड होली के लोक रंग’ शेखर तिवारी द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है. चंद्रशेखर तिवारी काफल ट्री के नियमित सहयोगकर्ता हैं. उत्तराखण्ड की होली परम्परा (Traditional Hol... Read more
हल्द्वानी में उत्तरायणी के जुलूस की तस्वीरें
हल्द्वानी में निकलता है हर साल उत्तरायणी का जुलूस उत्तरायणी (Uttarayani) के अवसर पर हल्द्वानी (Haldwani) नगर में एक जुलूस (Procession) निकाला जाता है. इस मौके पर नगर और आसपास के लोगों की बड़ी... Read more
धारचूला की रं महोत्सव 2018 से कुछ और तस्वीरें
धारचूला में हुए रं महोत्सव 2018 की कुछ तस्वीरें आपने कुछ दिन पहले देखी थीं. आज देखिये इस समारोह की कुछ और झलकियाँ देवाशीष गर्ब्याल के कैमरे से. काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ... Read more