पाण्डवाज़ का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
[एक ऐसे समय में जब कुमाऊँ-गढ़वाल का लोकसंगीत संभवतः अपने सबसे बुरे और बेसुरे दौर से गुज़र रहा था, ताज़ा हवा के एक झोंके की तरह ‘पाण्डवाज़’ नामक संगीत समूह ने प्रवेश किया और अपनी प्रोडक्शन-गुणवत्... Read more
धारचूला की रं महोत्सव 2018 से कुछ और तस्वीरें
धारचूला में हुए रं महोत्सव 2018 की कुछ तस्वीरें आपने कुछ दिन पहले देखी थीं. आज देखिये इस समारोह की कुछ और झलकियाँ देवाशीष गर्ब्याल के कैमरे से. काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ... Read more
मुनस्यारी से संगीत की ‘बूंद’
इसी साल बरसात के मौसम की बात है मुनस्यारी को जाने वाली सड़कें पूरे दस दिनों तक बंद थी. आप और हमारे लिये जो जीवन कठिन होता है वह मुनस्यारी के लिये दैनिक जीवन है. हर एक साल बरसात में मुनस्यारी... Read more
हमें अदाएँ दीवाली की ज़ोर भाती हैं
आज से कोई तीन सौ बरस पहले आगरे में एक बड़े शायर हुए नज़ीर अकबराबादी. नज़ीर अकबराबादी साहब (1740-1830) उर्दू में नज़्म लिखने वाले पहले कवि माने जाते हैं. समाज की हर छोटी-बड़ी ख़ूबी नज़ीर साहब के यहा... Read more
सरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथा
सुसाट मन को कपोरता है. लग जाता है एक उदेख जिसके अंदर कुहरा जाती है बाली कुसुमा की ओसिल कहानी. सरयू आज भी सिसकती है. इतना तो समय बीत गया. विदित नहीं अब देवराम और सरूली दीदी जीवित होंगे भी कि... Read more
‘अपनी धुन में कबूतरी’ वृत्तचित्र का प्रदर्शन
(जगमोहन रौतेला की रपट) कुमाउनी लोकजीवन के ऋतुरैंण, न्योली, छपेली, धुस्का व चैती आदि विभिन्न विधाओं की लोकप्रिय लोकगायिका रही कबूतरी देवी के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र ‘अपनी धुन में कबूतरी’ का... Read more
नरैणा काफल पाको चैता
अगर आप उत्तराखंड से हैं तो आपके साथ बेड़ू पाको अपने आप जुड़ जाता है. उत्तराखंड का व्यक्ति अपना परिचय देता है और सामने वाला बेड़ू पाको अपने आप जोड़ लेता है. वर्ष 1955 में सोवियत संघ (वर्तमान... Read more
लोकगायिका कबूतरी देवी घर पर रियाज़ करते हुए
वीडियो हमारे साथी सुधीर कुमार ने बनाया था. काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें Read more