भिटौली के महीने में गायी जाती है गोरिधना की कथा
जेठ म्हैणा जेठ होली, रंगीलो बैसाख, रंगीलो बैसाख लाड़ो म्हैणा, योछ चैतोलिया मास. बैणा वे येछ गोरी रैणा मैणा ऋतु मयाल. कुमाऊँ के जोहार अंचल में गाये जाने वाले इस गीत का भाव है— जेठ का महीना सबस... Read more
पीपीह्या और राख के धलंग की कथा
Read in English: Myth of Pipihya from Chaundas Valley बहुत समय पहले की बात है जब विभिन्न धर्मों एवं संस्कृतियों में देवता एवं राक्षस दोनों ही सामान्य लोगों के बीच रहा करते थे. काफी समय पहले... Read more
बसंत के इस्तकबाल का त्यौहार है फूलदेई
ऋतुराज बसंत का स्वागत उत्तराखण्ड को देवभूमि के साथ उत्सवों की भी भूमि कहा जाय तो गलत नहीं होगा. यहाँ साल भर उत्सव, पर्व, त्यौहार, मेलों की धूम रहती है. बसंत के आगमन का स्वागत भी उत्तराखण्ड (... Read more
एक हिमालयी लोक कथा: माता की वेदना
Read the post in English : Mother’s Grief माता की वेदना हिमालयी भूभाग के तिब्बत की एक प्रचलित लोक कथा (Himalayan Folk Tales) है. पूरी दुनिया के लोग किसी न किसी प्रकार की पावन एवं पवित्र वस्त... Read more
उत्तराखण्ड (Uttarakhand)में ऋतु गीत गए जाने की परंपरा है, यह अब विलुप्त होती जा रही है. बसंत ऋतु में गाये जाने वाले ऋतु गीतों (Folk Songs) को ऋतुरैण (Riturain) कहा जाता है. इन गीतों को ख़ास त... Read more
लाल बुरांश: एक उत्तराखंडी लोककथा
ज़माने पुरानी बात है. एक गाँव में किसान परिवार रहा करता था. इनकी एक ही बेटी थी. बड़ी होने पर उन्होंने अपनी बेटी का ब्याह कर दिया. विवाह के बाद तीज-त्यौहार, उत्सव-पर्व के मौके पर किसान दंपत्ति... Read more
एक परिंदा उत्तराखण्ड की जिस लोककथा याद दिलाता है
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल की एक लोककथा (A folklore of Garhwal Mandal of Uttarakhand) एक गांव में एक दूसरे से अगाध स्नेह रखने वाले भाई और एक बहन रहा करते थे. भाई-बहन के प्यार की चर्चा पूरे इला... Read more
कुमाऊँ के पशुचारकों का देवता चौमू
चौमू देवता का मूलस्थान चम्पावत जनपद में गुमदेश स्थित चमलदेव में है किन्तु चम्पावत के अतिरिक्त पिथौरागढ़ में वड्डा के निकट चौपाता तथा अल्मोड़ा की रयूनी तथा द्वारसों पट्टियों और उनके निकटवर्ती इ... Read more
13 जनवरी को हर साल मनाई जाती है लोहड़ी
क्यों मनाते हैं लोहड़ी आज लोहड़ी (Lohri 2019) है. मूलतः पंजाब के इलाके से ताल्लुक रखने वाला यह त्यौहार खेती-बाड़ी से सम्बंधित उत्सव है. मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से एक दिन पहले मनाये जान... Read more
पतिव्रता रामी बौराणी के त्याग व समर्पण की लोककथा
रामी बौराणी की कथा उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल की एक बहुप्रचलित लोककथा है. रामी का पति बीरू सेना में है. एक दफा उसके पति को युद्ध में दूर बॉर्डर पर लड़ने जाना पड़ता है. रामी के भाग्य में भी पह... Read more