नैनीताल शहर की आत्मा नैनी झील को देखते हुए ये ख्याल आना लाज़िमी है कि काश यहां तैरती हाउस बोट में रात गुजारने का मौका होता. या कम-से-कम झील के बीचोंबीच तैरते रेस्टोरेंट में जायकेदार खाने का ल... Read more
सन 1871 की यात्रा (हरिद्वार) के बाद भारतेन्दु ने हरिद्वार के एक पण्डे को पत्र में लिखा था-(Haridwar Travelogue by Bhartendu Harishchandra) सम्वत बसु युग ग्रहससो, पूनो रात असाढ़।रविवासर हरिद्... Read more
दिल्ली से गांव लौटने की एक पुरानी याद
पहाड़ जाना उन दिनों सबसे प्रिय दिनों में होता था. कब स्कूली छुट्टियां मिले कब गांव जायें, यह बहुत बड़ा मन में प्रश्न होता था. गांव जाना सब कुछ था उस वक़्त मेरे लिए और सबसे खुशियों का पल भी.... Read more
बारिश में दो सहेलियों का पहाड़ी सफ़र
अभी विमान देहरादून में उतरा भी नहीं था की वहाँ के मौसम का आभास हो चुका था. पायलट बाबू पहले ही कुर्सी की पेटी पहने रखने का संदेश दे चुके थे. हिलते-डुलते विमान सही सलामत देरादून हवाई अड्डे पर... Read more
कुमाऊं मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड नामक यह कम्पनी हिस्सों की बुनियाद पर नहीं बल्कि एक प्रकार से सहकारी भावनाओं को लेकर मालिकों ने अपनी-अपनी गाड़ियां एक कम्पनी के अन्दर सामूहिक व्यवस्था के तहत... Read more
न्यू नॉर्मल में केदारनाथ की यात्रा
यूँ तो पिछले तीन वर्षों से अपने शोध कार्य को लेकर मैं लगातार केदारनाथ जाता रहा हूँ लेकिन इस साल की यात्रा बीते वर्षों से कई मायनों में अलग थी. कोरोना महामारी के बीच केदारनाथ धाम तय तारीख पर... Read more
कोरोना काल में रूपकुंड की रोमांचक यात्रा
अगस्त की सात तारीख, लॉकडाऊन के लंबे और उबाऊ दौर से परेशान मैं और मेरे साथी, बरसात का दिनोंदिन भयानक रूप धारण करना, अनलॉक 3.0 की घोषणा और इन सब के साथ मेरे दोस्त रविशंकर गुंसाईं की एक जगह पर... Read more
मुनस्यारी की ठंड में नए साल का स्वागत
आज हमें मुनस्यारी पहुंचना था. नाश्ता निपटाकर, दो दिनों का हिसाब-किताब कर धारचूला टीआरसी से हम निकल चले. कोहरे के कारण अभी मार्किट की दुकानें भी बंद ही थी. इक्का-दुक्का दुकान वाले अपना शटर उ... Read more
अल्मोड़ा से केदारनाथ की एक दिलचस्प यात्रा
7 अक्टूबर 2019 को मैं आपना कैंप खत्म कर ऋषिकेश से अल्मोड़ा के लिए निकल रहा था. कैंप से निकलने तक मेरी यात्रा का रास्ता जो तय था वो ऋषिकेश से हरिद्वार होते हुए अल्मोड़ा आने का था पर कैंप से म... Read more
दारमा घाटी: स्वर्गारोहण के दौरान जहां पांडवों ने पांच चूल्हे लगाकर अंतिम भोजन बनाया
दारमा घाटी की ख़ूबसूरती की व्याख्या शब्दों में कर पाना बहुत कठिन है. इन तस्वीरों को देखकर आप महसूस कर सकते है कि वहाँ पहुँच कर प्रकृति के इन रंगों को अनुभव करने से मन को कितना सुकून मिलता हो... Read more