मध्य हिमालय में पाए जाने वाले बांज के पेड़ जैव-विविधता और जल संरक्षण की दिशा में अहम योगदान देते हैं. बांज (Indian Banjh Oak) हिमालय की चौड़ी पत्तियों वाले वृक्षों में अहम स्थान रखता ह... Read more
मोनाल के जोड़े की अकल्पनीय सुन्दर तस्वीरें
महाराष्ट्र में औरंगाबाद के रहने वाले बैजू पाटिल एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं और उनकी विशेषज्ञता है वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी. (Unbelievable Photos of Monal Pair) अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय... Read more
पहाड़ों में आजकल हर रोज कहीं न कहीं सर्पों द्वारा काटने की खबर आ रही है, पर घबराइए मत हम आपके लिए कुछ रोचक जानकारी ला रहे हैं जो सर्पों के प्रति आपका ज्ञानवर्धन करेंगी. मुक्तेश्वर स्थित केंद... Read more
फन फैलाये पौधा जिसे देख बच्चे जाते हैं डर
पहाड़ की सैर पर आने वाले पर्यटकों को अक्सर ही पौधा जब नजर आता है उनके चेहरे के हावभाव देखने लायक होते हैं, इस पौधे को देखते ही उन्हें कंपकपी सी छूट जाती है. आम बोलचाल की भाषा में हम इसे सांप... Read more
केंद्र सरकार ने पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा की है. उत्तराखण्ड के अनिल जोशी और कल्याण सिंह रावत को पद्मश्री पुरस्कार दिया जायेगा. उत्तराखंड में मैती आंदोलन पर्यवारण... Read more
यारसा गम्बू उच्चहिमालय के कुछ क्षेत्रों में 3500 से 5000 मीटर तक की उंचाई में होता है. यारसा गम्बू, तिब्बती भाषा का शब्द है. स्थनीय भाषा में इसे जडि, क्यूर झार, कीड़ा, कीड़ाघास कहा जाता है. गर... Read more
बाघों की संख्या में उम्मीद से ज़्यादा बढ़ोत्तरी हुई है जो विलुप्ति की कगार पर खड़ी इस प्रजाति के लिए और हम सब के लिए राहत की बात है. इंटरनेशनल टाइगर डे के दिन आई इस ख़ुशख़बरी के अनुसार 2014... Read more
28 जुलाई 2019 को पर्वतों की रानी मसूरी में देश के 11 पर्वतीय राज्यों को ग्रीन बोनस व हिमालयी राज्यों को प्राथमिकता दिए जाने पर बैठक प्रस्तावित है. नीति आयोग के सदस्यों के साथ प्रधानमंत... Read more
सरयू नदी कुमाऊँ की गंगा है
सौंग से लगभग 40 किमी दूर नंदाकोट पर्वत पूर्वी हिस्से के दक्षिण की तरफ से प्रवाहित होती है. सरयू के स्रोत को सरमूल (सहस्त्रधारा) कहा जाता है. नंदाकोट पर्वत का ही एक हिस्सा सरयू और पिंडर घाटी... Read more
भारत के नेता स्पोर्ट्समैन नहीं होते और बाघों का अपना कोई वोट नहीं होता – जिम कॉर्बेट
जेम्स एडवर्ड कॉर्बेट को ‘पक्का’ साहब नहीं कहा जा सकता था क्योंकि उन्होंने मैट्रिक नहीं किया था और उन्हें सेना में वह कमीशन नहीं मिला जो गोरों के लिए आरक्षित था. उन्होंने बंगाल की उत्तर-पश्चि... Read more