रवि शास्त्री हाय-हाय और कुछ पुरानी बातें
मुझे बार-बार लगता है कि “रवि शास्त्री हाय-हाय” के दिगंतव्यापी उद्घोष के पीछे कोई न कोई दिलजला रहा होगा. लम्बे कद के खूबसूरत रवि शास्त्री के पीछे उन दिनों लड़कियां दीवानी रहा करती थीं. उसकी इन... Read more
7 जून 1975. इंग्लैण्ड के एजबेस्टन में में हो रहे पहले क्रिकेट विश्व कप में खेल रही सबसे कम अनुभवी ईस्ट अफ्रीका की टीम का सामना बहुत दोयम दर्जे की मानी जाने वाली न्यूजीलैंड की टीम से लीग मैच... Read more
विश्व कप क्रिकेट शुरू होने में बमुश्किल एक सप्ताह बचा है. आज से हम आपके लिए क्रिकेट के इस सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय आयोजन को लेकर चुनिन्दा लेखों को क्रमवार प्रस्तुत करने जा रहे हैं. साठ ओवर तक... Read more
अपने समय के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर थे चंदू
साल 2002 में जब विस्डन के सामने पिछली शताब्दी में किसी भी भारतीय गेंदबाज द्वारा किये गए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को चुनने का मौक़ा आया तो सभी निर्णायक एक ही नाम पर सर्वसम्मत हुए (Remembering Bhag... Read more
उत्तराखण्ड की एक और बेटी ने किया एवरेस्ट फतह
उत्तराखण्ड की एक और पर्वतारोही शीतल राज ने एवरेस्ट फ़तेह कर प्रदेश का मान बढाया है. बछेंद्री पाल और चंद्रप्रभा ऐतवाल की परंपरा को आगे बढ़ाने वाली शीतल कुमाऊँ मंडल के पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के... Read more
वीरू का वह यादगार छक्का
मशहूर क्रिकेट लेखक-सम्पादक जो हर्मन की एक किताब है – ‘क्रिकेटिंग ऑल सॉर्टस: द गुड. द बैड, द अग्ली एंड द डाउनराईट वीयर्ड’. किताब की भूमिका मशहूर क्रिकेटर/ कमेंटेटर डेविड लॉय... Read more
क्रिकेट में आउट होने का एक तरीका है ‘मैनकैडेड’. इसका मतलब हुआ की गेंदबाजी करते समय अपनी बांह घुमाने के बाद गेंदबाज गेंद डालने के बजाय नॉन-स्ट्राइकर एंड की गिल्लियां उड़ा दे और क्रीज से बाहर ह... Read more
भारतीय क्रिकेट के सर्वकालीन महानतम खिलाड़ियों में गिने जाने वाले पॉली उमरीगर (Polly Umrigar) ने चालीस के दशक के अन्तिम सालों से लेकर साठ के दशक के शुरुआती सालों तक देश का प्रतिनिधित्व किया. उ... Read more
उत्तराखण्ड की शान है उन्मुक्त चन्द
26 मार्च 1993 को जन्मे युवा क्रिकेटर उन्मुक्त चन्द की जड़ें उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के छोटे से गाँव खड़कू भल्या में हैं. उनके पिता भरत चन्द ठाकुर और उनकी माता श्रीमती राजेश्वरी चन्द दोनों... Read more
शतरंज का पहला हिन्दुस्तानी खलीफ़ा
शतरंज का नाम लेते ही किसी भी भारतीय के मन में स्वाभाविक रूप से विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनन्द की तस्वीर उभरती है. लेकिन 1930 के आसपास एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी दुनिया भर के चैम्पियनों को हरा चु... Read more