आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
भोगीलाल जी से मिलूँ और कुछ कथनीय-पठनीय न बने, असम्भव है. कभी-कभी तो वो कथनीय-पठनीय अविश्वसनीय भी होता है. हालाँकि इस बार मुलाकात को अविश्वसनीय बनाने में भोगी भाई से अधिक भूमिका शर्मा जी की थ... Read more
गुरुजी का पहला और आखिरी लाइव
“क्या आपको मेरी आवाज़ आ रही है? क्या मैं दिखाई दे रहा हूँ?” गुरुजी ने कहा. “आवाज़ तो आय रई है, पर दिख नहीं रहे गुर्जी. अकासबानी टाइप हुई रई.” बृजेन्द्र बिरजू ने लिखा. “मैं... Read more
राग गधईया बिलावल, बहुत बड़ा ख़्याल
फिर वही! क्या स्वतंत्रता का अधिकार बस नाम के लिये दिया गया है संविधान में? शुरू किया नहीं कि टोका-टाकी चालू. बात वही, जो हर बार कही जाती है. श्रीमतीजी फोन पर दीपचन्दी ताल लगा कर कुछ रियाज़ क... Read more
सबसे बड़ी क्रांति
पश्चिम ने हमें आधुनिकता और विकास की एक बढ़कर एक अवधारणाएं दी, जिन्हें हमने अपने जीवन में उतारा और प्रगति की राह पर आगे बढ़े. इन समस्त नवाचारों में जिसने मुझे सर्वाधिक प्रभावित किया, वो है- अ... Read more
आउट ऑफ सिलेबस
कभी-कभी ज़िंदगी में अपने जैसे किसी अन्य व्यक्ति से मुलाकात हो जाये तो बड़ी कठिनाई उत्पन्न हो जाती है. आज सुबह छोटी बुआ के बेटे से फोन पर बात हुई. “अनिमेष कैसे हो?” मैंने पूछा. “ठीक हूँ दादा.... Read more
कोतवाल के हुक्के की एफआईआर
“देख शेखू ये बात कुछ ठीक नहीं लग रई!” कार्यक्रम शुरु हुए आधा घण्टा हुआ था और मुझे शेखू दुबे से कही गई अपनी बात रह-रह के याद आ रही थी. तब शेखू दुबे ने कहा था- फिकर की कोई बात न है. पर अब फ़िक... Read more
एडमिन से अनुरोध
प्रति,श्रीमान अड़ेमिन महोदयहाय हाय ग्रुपभट्स ऐप विषय: ग्रुप से रिमूव किये जाने बाबत निवेदन पत्र महोदय, विषय में सादर निवेदन है कि प्रार... Read more
पीएचडी का स्टॉकहोम सिंड्रोम
प्रश्न “पीएचडी का प्राप्य स्टॉकहोम सिंड्रोम है.” प्रियोस्की के इस कथन के प्रकाश में पीएचडी के विभिन्न चरणों की व्याख्या करिये. (60अंक)(PhD Stockholm Syndrome) उत्तर भारत एक महान देश है. यहाँ... Read more
वरिष्ठ व्यंग्यकार की आवश्यकता है
“अरी ऐ री आली!” “हाँ, सखी बोल!” “आली…” “सखी तू किंचित सी चिंतित प्रतीत होती है.” “किंचित नहीं आली, अत्यंत. अत्यंत चिंतित हूँ. अत्यंत विचलित हूँ. क्षिप्त हूँ, मूढ़ हूँ, विक्षिप्त हूँ.” “हाय,... Read more
चटोरी न्यूज़ पर आज का विषय है- चटोराबाद में चाट की गिरती गुणवत्ता, जिम्मेदार कौन?
चटोरी न्यूज़ पर आज सभी पार्टियों की महिला नेता उपस्थित थीं. बहस राजनैतिक थी और सार्वजनिक भी. न्यूज़ चैनल की बहस थी, इसलिये सभी महिलाएँ अपने कैनाइन दांत और नाखून तेज करके आईं थी.(Satire by Pr... Read more