अतिक्रमण की भूल भुलैया में गूजर
पहाड़ी इलाकों में आबादी के बसाव का अवलम्बन क्षेत्र हैं – जंगल, जहां से स्थानीय ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की जरुरत के लिए घास, लकड़ी व अन्य उत्पाद प्राप्त करते रहे हैं.इसके साथ ही इस वन क्षेत्र म... Read more
According to the Kailash Sanhita of Shiva Purana, Ishana was born from Shiva, and five Mithuns/elements: sky, air, fire, water, and earth emerged from Ishana. These five elements are known a... Read more
कल गंगा दशहरा है
इस वर्ष गंगा दशहरा 30 मई के दिन पड़ रहा है. पहाड़ों में इसे दसार या दसौर भी कहते हैं. इस दिन कुमाऊं क्षेत्र के हिस्सों में घरों के मुख्य दरवाजों के ऊपर और मंदिरों में गंगा दशहरा पत्र लगाया ज... Read more
कुमाऊनी शैली में दोहे
मौखिक होने के कारण लोकगीत परपंराओं की अनेक चीजें अछूती रह जाती हैं. मसलन कुमाऊनी लोकगीतों के दौरान में कहे जाने वाले दोहे. अक्सर ऐसा देखने को मिलता है जब लोक कलाकार छबीली या अन्य लोकगीत गाते... Read more
पहाड़ ठंडो पानी, सुण कति मीठी वाणी
पिछले दो दशक में कुमाऊं में होने वाली मंचीय प्रस्तुत में गाया जाने वाला एक है – पहाड़ ठंडो पानी. स्कूल कालेज के मंच हों या राजनीतिक सामजिक मंच इस गीत को अनेक कलाकार गा चुके हैं. इस गीत को लि... Read more
रंवाई के उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट नगरपालिका के अन्तर्गत यमुना नदी के तट पर बसा हुआ एक स्थान है तिलाड़ी जो अपने नैसर्गिक सौंदर्य और सघन वन संपदा के लिए प्रसिद्ध है किंतु दुख कि बात है कि तिला... Read more
मुल्क कुमाऊँ को ढुंगो ढुंगो होलो
लोकरत्न गुमानी पन्त के बाद जिस कुमाऊनी कवि का नाम आता है वह हैं कृष्ण पांडे. अल्मोड़ा जिले के पाटिया में जन्में कृष्ण पांडे के विषय में कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं हैं. कृष्ण पांडे की कविताओ... Read more
सबकी नजरें उत्तराखंड के आकाश मधवाल पर
पिछले दो दिनों से सोशियल मीडिया में एक नाम ट्रेंड कर रहा है – आकाश मधवाल. आईपीएल में मुम्बई इंडियंस टीम के एक खिलाड़ी के रूप में जाना जाने वाला यह नाम आज मुम्बई इंडियंस टीम का सबसे महत्वपूर्... Read more
भारत के अलावा और कहाँ मिलता है ‘काफल’
इन दिनों पहाड़ को जाने वाली सड़कों के किनारे काफल की टोकरी लिये पहाड़ी खूब दिख रहे हैं. लोक में माना जाता है कि काफल देवताओं द्वारा खाया जाने वाला फल है. देवताओं द्वारा खाए जाने वाले ख़ालिस... Read more
आज के समय नैनीताल किसी परिचय का मोहताज नहीं. पर एक समय ऐसा भी था जब लोग नैनीताल की स्थिति को लेकर असमंजस में थे. यह असमंजस अंग्रेजों को अधिक था. स्थानीय लोगों को नैनीताल के विषय में तो खूब ज... Read more