कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 120
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
समकालीनता अब छुटभैयों का अभ्यारण्य है
किस बात के नामवर? लेखन के, समालोचन के, अध्ययन के, अध्यापन के, सम्पादन के, वक्तृत्व के या इन सबसे इतर साहित्य, समाज और भाषा के किसी घालमेल के. किस बात के? नामवर का नामवर होना इनमें से हर विधा... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 119
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
मेले में अकेले
कहो देबी, कथा कहो – 35 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 34 उन्हीं दिनों एक लंबी यात्रा पिथौरागढ़ तक की भी की. जिन वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक शर्मा जी ने मुझे बैंक के माहौल में खुद को खपाने की आत्... Read more
हिसालू की जात बड़ी रिसालू
मई जून की गर्मियों में उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ों में कंटीली झाड़ियों के बीच उगने वाला एक रसदार फल होता है जिसे हिसालू (Hisalu) कहते हैं. उत्तराखंड के आदि कवि गुमानी हिसालू की प्रसंशा... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 118
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 21 (पोस्ट को लेखक सुन्दर चंद ठाकुर की आवाज में सुनने के लिये प्लेयर के लोड होने की प्रतीक्षा करें.) जौं की ताल का मैं आप लोगों को आखिरी किस्सा बताने जा रहा हूं. आख... Read more
भट की चुड़कानी: पहाड़ियों का पसंदीदा व्यंजन
चुड़काड़ी, चुटकाड़ी, चुलकाड़ी चुड़कानी, चुटकानी (Bhat Ki Chulkani) नाम से जाने-पहचाने जाने वाले व्यंजन को उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल में भात के साथ खाए जाने की परंपरा है. इसे उत्तराखण्ड में सर्वाध... Read more
अपने हिमालय की चोटियों को पहचानिए – त्रिशूल
( पोस्ट को नीरज पांगती की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें ) हिमालय की तीन सुन्दर चोटियों के समूह को त्रिशूल के नाम से जाना जाता है. भगवान शिव के अस्त्र त्रिशूल जैसा दिखाई देने के... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 117
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more