उत्तराखंड में सातों-आठों बहुत महत्व का त्यौहार माना जाता है. इन दो दिनों में गाँव की सभी युवतियां और महिलाएं गौरा और महेश (शिव और पार्वती) को पूजती हैं. गौरा और महेश की जिन आकृतियों की पूजा... Read more
1942 में आज ही के दिन हुई थी सालम क्रांति
‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में कुमाऊं के जनपद अल्मोड़ा में स्थित सालम पट्टी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. अल्मोड़ा जनपद के पूर्वी छोर पर बसे सालम क्षेत्र को पनार नदी दो हिस्सों में बांटती है. यहां क... Read more
कैसैं कै दें मिल गई है आजादी
आज सबेरैं भज कै आई दरवज्जे पै टुइयाँपटिया बैठी अम्मा बोलींकितैं गई थी गुइयाँ? बोली टुइयाँ गई सकूल मेंहोती बितैं मुनादीलड़ुआ बाँटत माट्टर बोलैंआज मिली आजादी बात समझ न आई जेसब बोलें सूदी-... Read more
एक दौर था नैनीताल में – काली अचकन और सफेद चूड़ीदार पजामे में एक आकर्षक व्यक्तित्व आपको शाम के वक्त मालरोड पर हाथ में एक हस्तलिखित पर्चा थमाकर “कल गोष्ठी में जरूर आईयेगा’’ कहकर ग... Read more
भारत में गुरु को ईश्वर से अधिक कर दर्जा दिया जाता है. इसके बावजूद भारत में सरकारी स्कूल के शिक्षकों से जुड़ी बड़ी ख़राब खबरें आये दिन पढ़ने को मिलती हैं. उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों का क्या हाल... Read more
गिर्दा का एक इंटरव्यू जिसे जरूर पढ़ा जाना चाहिये
गिरदा की 9वीं पुण्यतिथि पर वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव रौतेला से वर्ष 2006 में प्रकाशित उनकी बातचीत का अंश : आप आखिर क्यों गैरसैंण के पीछे पड़े हुए हैं, किसके लिएॽ अब लड़ाई अपनों से है क्योंकि यह... Read more
खड़कदा – देवेंद्र मेवाड़ी की कहानी
कहानी की कहानी – 4 बखतऽ तेरि बलै ल्यूंल. तेरी बलिहारी जाऊं बखत (वक्त). कितना कुछ चला जाता है बखत के साथ. अब बताइए, आज कौन जानता है कि खड़कदा भी थे कभी? लेकिन, खड़कदा थे और खूब थे. आते-... Read more
भारत की पहली लड़ाका कौम : काली-कुमाऊँ के ‘पैका’ और उड़ीसा के ‘पाइका’ योद्धा
काली-कुमाऊँ के ‘पैका’ और उड़ीसा के ‘पाइका’ योद्धा: भारत की पहली लड़ाका कौम, जो कभी हिमालय से ओड़िसा तक फैली थी -लक्ष्मण सिह बिष्ट ‘बटरोही’ हिमालय की गोद में बसे कुमाऊँ की पुरानी राजधान... Read more
मां और खुशबुओं के बेर
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – बीसवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: इस दुनिया में असंख्य लोग भूखे जी रहे हैं इस वक्त रात के सन्नाटे में मैं अकेली जगी हूं मेरी जान. नींद नहीं आ रही थी सो मैं प... Read more
आज भिगाते हैं सातों-आठों लोकपर्व के लिये बिरुड़े
कुमाऊं के गांवों में आज से सातों-आठों लोकपर्व की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. सातों-आठों कुमाऊं में बड़े उल्लास मनाया जाने वाला लोकपर्व है. (Biruda Panchami ) बिरुड़े का अर्थ पांच या सात प्रकार... Read more