गणानाथ मन्दिर की अलौकिक विष्णु प्रतिमा
अल्मोड़ा से कोई 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गणानाथ का मंदिर मूलतः शिव का मंदिर है. समुद्रतट से 2116 मीटर की ऊंचाई पर एक एकांत स्थल पर सतराली के समीप तल्ला स्यूनरा में मौजूद यह शिव-मंदिर लम्... Read more
एक त्रिशूल की आंखिन देखी
मैं, अर्थात गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर के प्रांगण में स्थित त्रिशूल, आँखिन देखी अपनी कथा सुनाकर जी हल्का करना चाहता हूँ. त्रिशूल का देखा हुआ अर्थात त्रिशूलन देखी. (Tragedy of Trishul Temple G... Read more
पांच पैसे की रामलीला और वो मशाल दौड़
एक तो बचपन ऊपर से वो भी गांव का. अलमस्त सा. घर वाले गालियों से नवाजते थे, और ‘भूत’ हो चुके चाचाजी, जो भी उनके हाथ लगता रावल पिंडी एक्सप्रैस की स्पीड में दे मारते. और उनका निशाना... Read more
आज मैन ऑफ़ ट्रीज का जन्मदिन है
यूं तो भारत सहित दुनिया की अधिकांश प्राचीनतम सभ्यताएं चीन, मिश्र, यूनान तथा आदिवासी अफ्रीकी समाज में पर्यावरण चेतना का स्तर प्राचीन समय में बहुत ऊंचा था. सभी सभ्यताओं ने प्रकृति को विभ... Read more
अल्मोड़ा में दशहरा – जयमित्र सिंह बिष्ट के फोटो
अल्मोड़ा में इस वर्ष भी दशहरा उत्सव खूब उत्साह के साथ मनाया गया. इस वर्ष के दशहरा उत्सव की तस्वीरें देखिये : काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online जयमित्र सिंह बिष्टअल... Read more
बात शुरू करने से पहले जन्नत नशीन शायर निदा फ़ाज़ली साहब का एक शेर “हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी जिसको भी देखना हो कई बार देखना” आज दशहरा था, पूरी दुनिया में था. अल्मोड़े में... Read more
मेरे भीतर से जन्मा बच्चा
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – छब्बीसवीं किस्त पिछली क़िस्त का लिंक: प्रकृति भी हम स्त्रियों के प्रति उतनी दयालु और सहयोगी नहींमेरे बच्चे, छः महीने पूरा करके तुम सातवें महीने में लग गए... Read more
पहाड़ और मेरा जीवन – 50 (पिछली क़िस्त: दसवीं बोर्ड परीक्षा में जब मैंने रात भर जागकर पढ़ा सामाजिक विज्ञान ) मुझे मुंबई में रहते हुए दस साल होने वाले हैं. यहां की कभी-कभी भयानक रूप ले लेने वा... Read more
हुक्का क्लब 1930 से प्रतिवर्ष अल्मोड़ा में रामलीला का आयोजन करता आ रहा है. इस विश्व प्रसिद्ध रामलीला के 2019 के आयोजन की फोटो जयमित्र सिंह बिष्ट द्वारा. जयमित्र सिंह बिष्टअल्मोड़ा के जयमित्र... Read more
यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक संपदा सूची में शामिल कुमाऊनी रामलीला का इतिहास
कुमाऊं अंचल में रामलीला के मंचन की परंपरा का इतिहास लगभग 160 वर्षों से भी अधिक पुराना है. यहाँ की रामलीला मुख्यतः रामचरित मानस पर आधारित है जिसे गीत एवं नाट्य शैली में प्रस्तुत किया जाता है.... Read more